आइजोल | मिजोरम में शुक्रवार को 500 से अधिक अभ्यर्थियों ने 'सुपर आईएएस 40' कार्यक्रम की प्रवेश परीक्षा दी, जिसके तहत राज्य सरकार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के चुने गए 40 उम्मीदवारों की कोचिग का खर्च उठाएगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मिजोरम में बहुत कम लोगों के आईएएस अधिकारी बनने के मद्देनजर सिविल सेवा परीक्षा के लिए राज्य के 40 यूपीएससी उम्मीदवारों की कोचिग प्रायोजित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा पास करने वालों को दिल्ली के प्रतिष्ठित संस्थानों में कोचिग मिलेगी, जिसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। मिजोरम युवा आयोग (एमवाईसी) कार्यक्रम की देखरेख और कार्यान्वयन कर रहा है।
एमवाईसी के अध्यक्ष और विधायक वनललतनपुइया ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए कुल 575 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था। परीक्षा राज्य भर में और दिल्ली में पांच केंद्रों पर आयोजित की गई।
लिखित परीक्षा के परिणाम 27 जून को घोषित किए जाएंगे और व्यक्तिगत साक्षात्कार 28 जून और 29 जून को होंगे। उसके आधार पर एक जुलाई को अंतिम सूची की घोषणा की जाएगी। वनललतनपुइया ने कहा कि लिखित परीक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए चुना जाएगा।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को केंद्र या राज्य सरकार द्बारा आयोजित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में तब तक बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक वे यूपीएससी की कम से कम दो प्रारंभिक परीक्षाएं नहीं दे देते। देश में दूसरा सबसे अधिक साक्षर राज्य होने का गौरव हासिल करने के बावजूद, मिजोरम ज्यादा आईएएस अधिकारी देने में विफल रहा है। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव वन्हेला पचुआउ की बेटी ग्रेस ललरिदिकी पचुआउ परीक्षा में पास होने वाली राज्य की आखिरी शख्स थीं। वह 2014 में आईएएस में शामिल हुई थीं।