जयपुर। प्रसिद्ध कैंसर सर्जन पद्मभूषण डॉ. प्रफुल्ल देसाई ने भारत में कैंसर उपचार में आधुनिक तकनीक के उपयोग से 30 प्रतिशत कैंसर ग्रस्त रोगियों का जीवन बचाया जाना संभव हो गया है।
डॉ.देसाई ने आज यहां महात्मा गांधी युनिवर्सिटी आफॅ मेडिकल सांइसेंज की ओर से आयोजित व्याख्यान माला के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुये यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आम लोगों में कैंसर रोग के बारे में जागरूकता आयी है और अस्पतालों में आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के कारण कैंसरग्रस्त रोगियों का जीवन बचाने में लगातार सफलता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और पुरूषों में मुंह और गले का कैंसर होना आम बात है। इनमें महिलाएं अपने ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक जांच घर पर स्वयं भी कर सकती है। यदि महिलाएं सीने में गांठ का अनुभव करती है तो स्वयं ही इसकी जांच कर सकती है और ऐसी स्थिति में वह चिकित्सक से उचित सलाह कर इसका प्रारंभिक चरण में ही निदान कर सकती है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सर्जरी और रेडियन विधि से उपचार किया जा सकता है और महिलाओं के ब्रेस्ट को निकालने की जरूरत नही हो सकती है। उन्होंने कहा कि कैंसर अनुवांशिक रोग है और महिलाओं को इस संबंध में 30 वर्ष के बाद रूप से इस बारे में चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि भारत में कैंसर रोग के निदान के लिये नवीनतम तकनीक उपलब्ध है और अब देश के जयपुर बंगलोर जैसे महानगरों में भी चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे विस्तार से इसका इलाज आमजनों के लिये भी सस्ते में उपलब्ध होना संभव हो सका है। देश में कैंसर रोगियों में हो रही लगातार बढोतरी के बावजूद चिकित्सकों की कमी के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि यह नीतिगत फैसले है जिसका जवाब सरकार ही दे सकती है लेकिन वर्तमान में चिकित्सकों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है।
कैंसर रोगियों में हो रही बढोतरी के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में पहले आदमी की औसत आयु 60 वर्ष तक ही थी जो अब बढकर 88 वर्ष हो गयी है ऐसे में यह संख्या बढना कोई विशेष बात नही है। उन्होंने देश में बढ रहे चिकित्सालयों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि सुविधाओं और तकनीक के विस्तार के कारण विदेश जाने वाले चिकित्सकों की अब घर वापसी होने लगी है जो देश के लिये शुंभ संकेत है।
देश में क्रिटिकल केयर के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं से पीडित रोगियों की मृत्यु संख्या में बढोतरी के बारे में डॉ. उठोदिया ने कहा कि ऐसे रोगियों को तत्काल अस्पताल तक नही पहुंचना एक प्रमुख कारण है।
इस अवसर पर डॉ.देसाई ने 'दी कान्क्वेस्ट ऑफ मोर्टलिटी सांसइ, मेडिसिन एण्ड टेक्नोलोजीज फाइनल डेस्टीनेशन' विषय पर व्याख्यान दिया। जिसमें बडी संख्या में चिकित्सकों, मेडीकोज और कैंसर रोगियों ने भाग लिया।