लंदन। ब्रिटिश संसद पर आतंकी हमले के बाद गिरफ्तार किए गए 11 लोगों में दो पूछताछ के लिए अब भी हिरासत में हैं और पुलिस यह पता लगाने में कोशिश कर रही है कि हमलावर ने अकेले ही घटना को अंजाम दिया या उसके साथ उसके साथी भी थे।
मेट्रोपोलिटन पुलिस ने बताया कि बर्मिंघम के 27 और 58 साल के ये दोनों व्यक्ति आतंकवाद कानून के तहत पूछताछ के लिए अब भी हिरासत में हैं। हमलावर खालिद मसूद बर्मिंघम में ही रह रहा था।
हमले के बाद गिरफ्तार 11 लोगों में मैनचेस्टर में गिरफ्तार 32 वर्षीय महिला और पूर्वी लंदन में गिरफ्तार 39 वर्षीय महिला को इस माह के आखिर तक जमानत पर रिहा कर दिया गया है जबकि सात अन्य को रिहा कर दिया गया है ।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि ब्रिटेन की संसद के बाहर चार लोगों की जान लेने वाले मसूद ने बुधवार को वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर तेज रफ्तार से पदयात्रियों को कुचलने से कुछ समय पहले व्हाट्स अप का इस्तेमाल किया था या नहीं।
हमले से महज दो मिनट पहले मसूद के फोन से कथित रूप से संदेश भेजा गया था।
इस बीच, सउदी अरब सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि मसूद तीन बार सउदी अरब में था और उसने वहां अंग्रेजी पढाई थी।
सउदी दूतावास ने एक बयान में कहा कि उसने नवंबर, 2005-नवंबर, 2006 और फिर अप्रैल 2008-2009 के दौरान सउदी अबर में अंग्रेजी का अध्यापन किया। वह फिर मार्च 2015 में छह दिन के लिए लौटा था।
मसूद बुधवार को वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर पदयात्रियों को कुचलते हुए अपनी कार रैलिग से टकरा दी थी। उसके बाद वह संसद के मैदान की ओर दौड़ा। उसने चाकू से कांस्टेबल पर वार किया। बाद में पुलिस कार्रवाई में वह मारा गया। उसके हमले में चार लोगों की जान चली गई और 50 घायल हुए। इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
पुलिस उसकी मंशा और उसके संभावित साथियों का पता लगाने में जुटी है।