कोलंबो : श्रीलंका के अस्पताल 160 दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। समाचारपत्र 'आईलैंड’की शनिवार को प्रकाशित रिपोर्ट में चिकित्सा आपूर्ति के उप महानिदेशक डॉ. डी आर के हेराथ के हवाले से कहा गया है,'' देश के अस्पतालों में 160 दवाओं की कमी है। हम उम्मीद करते है कि शुभचितक हमारी मदद करेंगे।’’ डॉ. हेराथ ने कहा कि दवाओं में से एक ग्लिसरील ट्रिनिट्रेट या जीटीएन है जिसका उपयोग हृदय रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसकी आपूर्ति में कमी है।
उन्होंने कहा, ''हमें स्ट्रेप्टोकिनेज की भी आवश्यकता है, मायोकार्डियल इंफाक्र्शन, फुफ्फुसीय एम्बोलिज्म और धमनी थ्रोम्बेम्बोलिज्म के कुछ मामलों में थक्के को तोड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा। हमें हृदयघात से पीड़ति लोगों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एट्रोपिन वैक्सीन की भी आवश्यकता है। हमें वास्तव में दो सप्ताह के भीतर एक नये स्टॉक की जरूरत है।’’
डॉ. हेराथ ने कहा,'' विश्व बैंक ने दवाओं की खरीद के लिए 23 मिलियन डॉलर दिए है।यह बहुत ही फ्लेक्सिबल अनुदान है और हमने और मांग की है।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय एशियाई विकास बैंक के साथ 66.6 मिलियन डॉलर जारी करने के लिए बातचीत कर रहा है। श्रीलंका भीषण आर्थिक संकट की दौर से गुजर रहा है। उसे विदेशी मुद्रा की कमी के कारण दवाओं सहित कई वस्तुओं की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है।