इंटरनेट डेस्क। चाणक्य स्वयं में एक योग्य शिक्षक थे। चाणक्य का संबंध विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से था। चाणक्य ने तक्षशिला विश्व विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की थी और बाद में वे इसी विश्व विद्यालय में आचार्य भी बनें। चाणक्य के जीवन का एक बड़ा हिस्सा शिक्षण कार्य में व्यतीत हुआ। चाणक्य ने विद्यार्थियों के लिए कुछ विशेष बातें बताई हैं, जिन्हें हर विद्यार्थी को जानना चाहिए। ये बातें प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में उपयोगी साबित होगी।
चाणक्य की मानें तो विद्यार्थी जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। विद्यार्थी जीवन काल में भविष्य की दिशा और दशा तय होती है। चाणक्य का मानना था कि शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उसी प्रकार से परिश्रम करना चाहिए जिस प्रकार से एक संत अपनी साधना को पूर्ण करता है।
लक्ष्य के प्रति गंभीर
चाणक्य के अनुसार विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर रहना चाहिए। लक्ष्य को पाने के लिए विद्यार्थियों को निरंतर परिश्रम करते रहना चाहिए। विद्यार्थी जीवन शोध और सीखने के लिए होता है। इस जीवन काल में नए-नए विषयों के बारे में अध्ययन करना चाहिए। ऐसा करने से भविष्य सुदंर और सरल बनता है।
प्रतिदिन प्रात:काल उठें
चाणक्य के अनुसार विद्यार्थियों को सूर्य निकलने से पहले उठकर स्नान आदि पूर्ण करके अध्ययन कार्य में व्यस्त हो जाना चाहिए। अध्ययन के लिए प्रात:काल का समय बहुत ही उपयुक्त होता है। इस काल में अध्ययन करने से विषय को याद करने में आसानी रहती है।
खानपान पर ध्यान दें
चाणक्य के अनुसार विद्यार्थी जीवन में भोजन का विशेष महत्व होता है, विद्यार्थियों को पौष्टिक और संतुलित भोजन लेना चाहिए। क्योंकि युवास्था में सेहत को विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए भोजन में पोषक तत्वों का भी ध्यान रखना चाहिए। अच्छा भोजन करने से मन भी अच्छा रहता है।
अनुशासन में रहना
चाणक्य के अनुसार छात्र जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व है। इसलिए विद्यार्थियों को अपने प्रत्येक कार्यों को पूर्ण करने के लिए समय का उचित प्रबंधन करना चाहिए। जब प्रत्येक कार्यों को समय के अनुसार करेंगे तो उसमें सफलता मिलने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।