न्याय के देवता शनिदेव का होगा राशि परिवर्तन, कुछ राशियों के जन्म शुरू होंगे
- ढाई साल बाद बदलेगा शनि की राशि
- 29 अप्रैल को कुंभ में प्रवेश करेंगे
- कुछ राशियों के जन्म की शुरुआत सदाशती से होगी
शनि का राशि परिवर्तन सभी राशियों में बड़े बदलाव लाता है। शनि को न्याय का देवता माना जाता है। शनि की सीधी दृष्टि जेता पर पड़ती है और तहसनास बन जाती है। फिर इस बार ढाई साल बाद शनि की राशि बदलने जा रही है। कुछ राशियों के लिए सदा सती और ढैय्या प्रारंभ होती है। तो कुछ राशियों के जन्म भी सदाशती से मुक्त होते हैं। फिर इसी महीने की 29 अप्रैल को शनि ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं किन लोगों पर पड़ेगा असर।
इस राशि से शुरू होगी सदाशती
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि का जन्म शुरू हो जाएगा। धन राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। साढ़े सात साल तक बनी रहने वाली ऐसी स्थिति में मीन राशि के लोगों का चिंतित होना आम बात है। ऐसे में इन लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे सदा सती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए अभी से कुछ उपाय करें।
शनि की साढ़ेसाती के दौरान करें ये उपाय
- शनि एक ऐसे देवता हैं जो अपने कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए उनके क्रोध से बचने का सबसे अच्छा तरीका अच्छे कर्म करना है। इसके लिए सबसे कारगर तरीका है असहाय, मेहनतकश लोगों को दान देना और उनकी मदद करना। ऐसा करने वालों पर शनिदेव हमेशा प्रसन्न रहते हैं।
- जो लोग शनि की सदासत या ढैया से पीड़ित हैं उन्हें शनिवार के दिन दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने जैसी काली चीजें किसी गरीब व्यक्ति को दान करनी चाहिए।
- मजदूरों, महिलाओं, विकलांगों की मदद करें। गलती से उनका अपमान या उत्पीड़न न करें।
- सती और ढैया से राहत पाने के लिए हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी बहुत लाभ होता है। यह कई समस्याओं को दूर करता है और आर्थिक प्रगति की ओर ले जाता है।
- शनिवार के दिन 'उम प्राण प्राण प्राण सह शनैश्चराय नमः' और 'उम् शं शनिश्चराय नमः' मंत्रों का जाप आपके अंदर सकारात्मकता लाएगा। साथ ही शनिदेव की कृपा से सब कुछ आसानी से हो जाएगा।
- शनि के प्रकोप से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है संकटमोचक हनुमान की शरण लेना। इसके लिए शनिवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। गरीबों को दान करें।