वामन जयंती जिसे वामन द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन की जयंती मनाने के लिए जानी जाती है। इस रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि से पृथ्वी के राज्य को फिर से जीत लिया और देवताओं को सौंप दिया।
भगवान वामन का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को ऋषि कश्यप और माता अदिति के यहाँ हुआ था। इस वर्ष वामन जयंती 7 सितंबर को मनाई जाएगी। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान वामन की भक्ति और भक्ति के साथ पूजा करने से मताधिकार समाप्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वामन जयंती 2022: मंत्र
ॐ वामनाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ विष्णुवे नमः
ॐ नमो नारायणाय
वामन जयंती 2022: पूजा विधि
- जल्दी उठो स्नान करो और साफ कपड़े पहनो
- पूजा स्थल को साफ करें और वामन का चित्र स्थापित करें
- श्रावण पूजा नक्षत्र में की जाती है
- भगवान वामन को मिठाई, फल, फूल, अगरबत्ती, नैवेद्य, तेल के दीपक आदि अर्पित करें।
- पूजा के बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें
- इस दिन भगवान वामन के व्रत कथा का पाठ करना शुभ माना जाता है
- भक्तों के बीच प्रसाद बांटें
- शाम को व्रत पूजा तोड़ें।