नई दिल्ली। अचानक 500 रुपए और एक हजार रुपए के मौजूदा नोटों को बुधवार आधी रात से अमान्य बना दिए जाने से आम लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग रात 12 बजे तक पुराने नोटों को जमा कराने या किसी तरह ठिकाने लगाने के उपाय ढूँढ़ते रहे। मेट्रो यात्रियों ने मेट्रो स्टेशनों पर भी कार्ड रिचार्ज कर खुले कराने की जुगत अपनाई।
उन्होंने बड़ी संख्या में 500 और एक हजार रुपए के नोटों से रिचार्ज कराये। लेकिन, कुछ देर बाद इन काउंटरों पर भी 50 और 100 रुपए के नोट समाप्त हो गये। इसके बाद मेट्रो के कर्मचारियों ने लोगों से कहना शुरू कर दिया कि लोग सीधे 500 या एक हजार रुपये का ही रिचार्ज कराएं। पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर ग्राहक सेवा केंद्र पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि एक ही व्यक्ति ने 10 अलग-अलग कार्डों पर एक-एक हजार कर कुल 10 हजार रुपये के रिचार्ज कराए।
सरकार के इस कदम पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे अच्छा कदम बता रहे हैं तो कुछ परेशानियों के मद्देनजर इसकी आलोचना भी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि विशेष तौर पर उन लोगों को अधिक दिक्कत आएगी जिनके घर हाल में शादी-विवाह या इस तरह का कोई बड़ा आयोजन होने वाला है।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम विशेष संबोधन में इसकी घोषणा करते हुये कहा था कि शुरुआती कुछ दिनों तक लोगों को थोड़ी-बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रीय राजधानी के जिस किसी एटीएम पर कैश डिपॉजिट मशीन थी वहाँ लोगों की लंबी कतारें देखी गई। हर कोई रात 12 बजे एटीएम बंद होने से पहले अपने पुराने 500 रुपए और एक हजार रुपए के नोट जमा करा देना चाहता था।
गैर-रिहाइशी इलाके में रेल भवन परिसर में भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम पर भी रात 11 बजे कम से कम 50 लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। पूछे जाने पर उन्होंने कहा आज के दिन पैसे निकालने कौन आयेगा? यह लाइन पैसे जमा कराने वालों की है। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के तुरंत बाद खुदरा दुकानदार भी 500 तथा एक हजार के नोट लेने से मना करने लगे। हर व्यक्ति इन नोटों को किसी तरह छोटे नोटों में बदलने की कोशिश में लगा था।