नयी दिल्ली | विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को भोजनावकाश से पहले बाधित रही और दो बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं सदन में अशोभनीय आचरण को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिह को शुक्रवार तक के लिए निलंबित कर दिया गया। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने घोषणा की कि मंगलवार को भोजनावकाश के बाद कार्यवाही के दौरान आप सदस्य संजय सिह ने अशोभनीय आचरण किया था। हरिवंश ने कहा कि सिह ने न सिर्फ सदन के नियमों की अवहेलना की बल्कि आसन के निर्देशों का भी उल्लंघन किया और कागज फाड़कर उनके टुकड़े आसन की ओर फेंके। उन्होंने कहा कि सिह का आचरण सदन की गरिमा के विरूद्ध था।
हरिवंश ने सिह के खिलाफ नियम 256 लगाए जाने की घोषणा की। यह नियम किसी सदस्य द्बारा अशोभनीय आचरण करने पर उन्हें सदन से निलंबित किए जाने से संबंधित है।संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। इसके बाद उपसभापति ने सिह को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया लेकिन आप सदस्य सिह सदन से बाहर नहीं गए। इस पर उपसभापति ने 12:03 बजे कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दो बार के स्थगन के बाद 12:18 बजे जब उच्च सदन की बैठक शुरू हुई तो उपसभापति हरिवंश ने एक बार फिर सिह को सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया। लेकिन सिह सदन से बाहर नहीं गए। वहीं कुछ सदस्य तख्तियां लेकर आसन के समीप आ गए।
सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उपसभापति ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सूचित किया कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे सहित आठ सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दे कर नियत कामकाज स्थगित करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि ये नोटिस उन्होंने स्वीकार नहीं किए हैं। सभापति ने कहा कि सदस्यों का मुख्य मुद्दा महंगाई है और शून्यकाल के दौरान सदस्य इस मुद्दे पर अपनी अपनी बात रख सकते हैं। इस पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद सभापति ने 11 बज कर करीब सात मिनट पर ही बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।