India-Bangladesh भारत-बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंध और मजबूत किए जाने चाहिए: भारत की पूर्व उच्चायुक्त

Samachar Jagat | Tuesday, 19 Apr 2022 11:48:16 AM
India-Bangladesh Indo-Bangladesh cultural ties should be further strengthened: Former High Commissioner of India

कोलकाता:  विदेश मंत्रालय की पूर्व सचिव (पूर्व) रीवा गांगुली दास ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत और बांग्लादेश के बीच सभी क्षेत्रों में सहयोग महत्वपूर्ण रूप से मजबूत हुआ है, लेकिन भारत, विशेषकर पश्चिम बंगाल पड़ोसी देश के साथ लोगों के बीच आपसी संपर्क को और गहरा कर सकता है। दास ने मंगलवार को 'पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में सुझाव किया कि साझा संस्कृति एवं भाषा वाले दोनों देशों के लोग रवींद्रनाथ टैगोर पर आधारित संयुक्त नाटक का निर्माण और बैले, पुस्तकों का लेखन तथा अन्य काम मिलकर कर सकते हैं।

दास ने कहा, ''4,096 किलोमीटर लंबी साझा सीमा के मद्देनजर भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद होना बहुत स्वाभाविक है, लेकिन कई जटिल समस्याएं सुलझा ली गई हैं। दोनों देश संपर्क समेत कई क्षेत्र में अब मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''लेकिन इस प्रकार के सहयोग के बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं है और केवल सीमा पर गोलीबारी एवं अवैध आव्रजन जैसे मामलों को ही उठाया जाता है।’’

सचिव (पूर्व) के रूप में कार्यभार संभालने से पहले ढाका में भारत की उच्चायुक्त रह चुकीं दास ने कहा कि गहरे सांस्कृतिक संबंध उन भ्रांतियों और रूढ़ियों को दूर करने में मदद करेंगे, जो बांग्लादेश और भारत दोनों देशों के लोग, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के लोग एक-दूसरे के प्रति रखते हैं। उन्होंने कहा, ''आम तौर पर एक शिक्षित बांग्लादेशी भारत की ओर देखता है और कहता है कि हम सगे भाई हैं।

वह अपने देश की आजादी में भारत की भूमिका को स्वीकार करता है, जैसे कि हम बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों द्बारा दिखाई गई वीरता को स्वीकार करते हैं। हालांकि, हमेशा ऐसी कुछ बाते होंगी, जिन पर सहमति नहीं होगी, इन्हें लगातार सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से दरकिनार किया जा सकता है।’’ दास ने कहा, ''बांग्लादेश के एक शीर्ष नौसेना अधिकारी की पत्नी ने एक बार मुझसे कहा था कि वह लगभग हर फिल्म की रिलीज के पहले दिन उसका पहला शो देखने कोलकाता जाती है।

वहां से लोग शिक्षा, चिकित्सकीय उपचार और खरीदारी करने के लिए आते हैं, जैसा कि पड़ोसियों के बीच होना चाहए। इसी प्रकार कई भारतीय बांग्लादेश में व्यापार करते हैं या वहां चिकित्सा की पढ़ाई करने जाते हैं।’’ पूर्व राजनयिक ने कहा कि बंगाली भाषा का सिनेमा एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर दोनों देशों के बीच बड़ा सहयोग हो सकता है।

पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश, बंगालियों की एक साझा मातृभूमि का हिस्सा थे, जो 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन के कारण अलग हो गए थे। बंगाल का पश्चिमी भाग भारत का पश्चिम बंगाल राज्य बन गया, जबकि पूर्वी भाग पहले पूर्वी पाकिस्तान में था, लेकिन 1971 में यह स्वतंत्र राष्ट्र बांग्लादेश बन गया। 



 

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