पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को बिहार में एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन का कार्य बताते हुए ताड़ के पेड़ के उत्पाद नीरा के बारे में आज कहा कि हम किसी का रोजगार नहीं बंद करेंगे बल्कि उसका स्वरूप बदलकर और बढायेंगे।
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियम हॉल में रविदास चेतना मंच द्वारा संत शिरोमणि गुरू रविदास की 640वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार में बड़ा सामाजिक परिवर्तन का कार्य हुआ, जो शराबबंदी है। उन्होंने कहा कि इस हाल में 9 जुलाई 2015 को आयोजित महिलाओं के एक सम्मेलन में जब वे अपना भाषण समाप्त कर बैठे ही थे, तभी पीछे से महिलाओं ने आवाज दी कि शराबबंदी लागू कीजिये। ‘मैंने पुन माइक पर आकर कहा कि अगली बार सता में आउंगा तो शराबबंदी लागू करूंगा। आपने दोबारा काम करने का मौका दिया। बिहार में शराबबंदी लागू की गयी, जिसका बहुत फायदा हुआ है।’
नीतीश ने कहा कि लोग पहले जो अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा शराब में गवां देते थे, वे अब परिवार के भरण-पोषण में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज सभी लोग प्रसन्न हैं। पहले जिन लोगों ने शराबबंदी का विरोध किया था, अब वे लोग भी इसके सकारात्मक पहलू का एहसास करने लगे हैं। नीतीश ने कहा कि महिलाओं के एक कार्यक्रम में शराबबंदी पर महिलाओं ने बताया कि पहले पति शाम को शराब पीकर घर आते थे झगड़ा करते थे, लेकिन अब शाम को हंसते हुये आते हैं, बाजार से सब्जी भी खरीदकर लाते हैं। शराबबंदी से लोगों का स्वभाव बदल रहा है। ताड़ के पेड़ के उत्पाद नीरा के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी का रोजगार नहीं बंद करेंगे बल्कि उसका स्वरूप बदलकर और बढायेंगे। उन्होंने कहा कि ताड़ के पेड़ का सर्वेक्षण करा दिया गया है। नीरा बनाने का इंतजाम किया जा रहा है।
नीतीश ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी भी नीरा के पक्ष में थे। अब नीरा को प्रचारित करेंगे। चार जगह फैक्ट्री लगायी जायेगी। नीरा के गुड़ भी बनेगा। आज एक ताड़ के पेड़ से जितनी कमाई होती है, उससे ज्यादा कमाई होगी। बैशाख से पहले हम इसका उपाय कर देंगे। उन्होंने सभी को नजर रखने के लिये कहा कि कहीं शराब छोडक़र लोग कोई अन्य नशा तो नहीं करने लगे है। चीन का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन में लोग अफीम से ग्रसित थे। इससे उबरने के बाद चीन आज कितना आगे बढ़ गया है। अपना देश भी अगर नशे से निकलेगा तो भारत का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार में जो भी काम होता है, उसे बाकी जगह अपनाते हैं। बिहार में शराबबंदी लागू हुयी है, अब शराबबंदी की मांग सभी जगह होने लगी है। चाहे उतर, दक्षिण, पूरब या पश्चिम हो, हर जगह इसकी आवाज उठ रही है। समाज नशा से आगे निकलना चाहता है और जरूर निकलेगा। उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले वर्ष अप्रैल महीने से प्रदेश में पूर्णशराबबंदी लागू है और यहां ताड़ी के बजाय नीरा के उत्पादन पर काम जारी है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, कला एवं संस्कृति मंत्री शिवचंद राम सहित कई कई अन्य विधायक उपस्थित थे। -(एजेंसी)