राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी:बोले- भाजपा दशकों तक भारतीय राजनीति में बड़ी ताकत बनी रहेगी

Samachar Jagat | Wednesday, 30 Mar 2022 01:18:28 PM
Prashant Kishor: Political analyst Prashant Kishor says 'Aap' will not become a national party overnight, it will take two decades to fight BJP

शांत किशोरी का कहना है कि एक या दो राज्यों में चुनाव जीतना और सत्ता के रूप में उभरना एक बात है, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतना दूसरी बात है। देश के राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस और भाजपा ही दो ऐसी पार्टियां हैं जो राष्ट्रीय बन गई हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी अन्ना आंदोलन से उभरी आम आदमी पार्टी (आप) को नवंबर 2022 में 10 साल पूरे हो जाएंगे। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में बड़े नेताओं की जमानत जब्त करने के बाद अब आप राज्य सत्ता का सफाया कर राष्ट्रीयकरण की ओर तेजी से बढ़ रही है। पार्टी बनने के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली समेत कई राज्यों में चुनाव लड़ा था, लेकिन दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में उन्हें इतनी सफलता नहीं मिली।

अब AAP दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है और पार्टी गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पंजाब की जीत को लेकर पार्टी के नेता उत्साहित हैं और उनके बयानों से पता चलता है कि आप अब आत्मविश्वास से भरी हुई है और विश्वास है कि वह जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर उभरेगी, लेकिन उतना आसान नहीं है जितना आप नेताओं को लगता है।


चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दैनिक भास्कर को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि आप को भाजपा को चुनौती देने में कम से कम 15 से 20 साल लग सकते हैं। 20 साल के प्रशांत किशोर बताते हैं कि उनका अपना अंकगणित है। 2019 के आम चुनावों में AAP को 27 लाख वोट मिले, जबकि केंद्र में सत्ता हथियाने के लिए किसी भी पार्टी को 20 करोड़ या उससे अधिक वोट चाहिए। यह कुछ वर्षों में हासिल नहीं किया जाएगा।

प्रशांत किशोर का कहना है कि एक या दो राज्यों में चुनाव जीतना और सत्ता के रूप में उभरना एक बात है, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतना दूसरी बात है। देश के राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस और भाजपा ही दो ऐसी पार्टियां हैं जो राष्ट्रीय बन गई हैं। अब इसका मतलब यह नहीं है कि कोई और पार्टी ऐसा नहीं कर सकती, बल्कि इसे करने के लिए लगातार 15-20 साल प्रयास करने होंगे। ऐसा करने में बीजेपी को 50 साल लग गए। बीजेपी ने अपना सफर 1978 में शुरू किया था और आज यहां तक ​​पहुंच गई है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि इस देश में महंगाई या बेरोजगारी का कोई मुद्दा नहीं है, तो यह गलत है. पूरा देश उस पार्टी के साथ नहीं है जिसे 38% वोट मिले, क्योंकि 62% लोग महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा मानते हैं, लेकिन उस 62% वोट का बंटवारा हो रहा है.

जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि क्या पीएम मोदी की लोकप्रियता अब भी बरकरार है? इस पर प्रशांत किशोर ने हां कह दिया, लेकिन लोकप्रिय होने के बाद भी आप चुनाव हार सकते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि हिंदुत्व एक बड़ा कारक है, लेकिन ध्रुवीकरण की भी एक सीमा होती है. आप किसी भी समुदाय का उसकी सीमा से परे ध्रुवीकरण नहीं कर सकते। अगर ध्रुवीकरण इतना बड़ा फैक्टर होता तो बीजेपी को सिर्फ 40 फीसदी वोट ही मिलते.



 

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