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इंटरनेट डेस्क। देश के शीर्ष न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर की जांच को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने इसकी जांच के लिए अब 4 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी)का गठन किया है, जिसे 12 सितंबर, 2025 तक रिपोर्ट सौंपनी होगी। गुजरात के जामनगर में वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर का संचालन रिलायंस फाउंडेशन द्वारा किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध मेंं कहा कि एसआईटी यह जांच करेगी कि जानवरों को भारत और विदेश से लाने में वन्यजीव संरक्षण कानून और अंतरराष्ट्रीय संधियों का पालन हुआ या नहीं। याचिका कोल्हापुर की मशहूर हथिनी (माधुरी) की वनतारा में शिफ्टिंग को लेकर दायर की गई थी।
जस्टिस पंकज मित्तल और पीबी वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई की है। चार सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम पशु कल्याण, आयात-निर्यात कानून, वाइल्डलाइफ तस्करी, पानी और कार्बन क्रेडिट के दुरुपयोग जैसे मुद्दों की भी जांच करेगी। एसआईटी की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के पूर्व जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर करेंगे। टीम में जस्टिस राघवेंद्र चौहान, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले और कस्टम्स अधिकारी अनिश गुप्ता शामिल किया गया है।
वनतारा की ओर से आया ये बयान
इस संबंध में वनतारा बयान भी सामने आया है। खबरों के अनुसार, वनतारा ने कहा कि वह कोल्हापुर और जैन समुदाय की भावनाओं को समझता है। उनका आदर करता है। वनतारा ने कहा कि यदि महाराष्ट्र सरकार और मठ उच्चतम न्यायालय में मशहूर हथिनी (माधुरी) की कोल्हापुर वापसी की कानूनी अनुमति के लिए प्रयास करते हैं, तो वनतारा उसका पूरा समर्थन करेगा।
PC: sci.gov
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