इंटरनेट डेस्क। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के घोषणा के बाद किसान संघ व संयुक्त किसान मोर्चा के साथ ही विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन के दौरान हुई सात सौ से ज्यादा किसानों की हुई मौत को लेकर लगातार मुआवजे व अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। आज शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि 702 किसानों की मृत्यु का आंकड़ा हमने सरकार को भेज दिया है। 5 नाम जो मांगे गए थे उसपर अभी फैसला नहीं हुआ है जो कमेटी बनी है उसके क्या अधिकार है, वो कैसे काम करेगी हमें इसका पता जबतक नहीं चल जाता तबतक हम निर्णय नहीं ले सकते।
एएनआई न्यूज एजेंसी के अऩुसार, इससे पहले कल शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि कुछ दिन पहले सदन में एक सवाल पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार 700 मृतक किसानों (किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत) को मुआवज़ा देगी या नहीं? इसका जवाब मिला कि उनके पास किसानों का कोई रिकॉर्ड नहीं था।
गौरतलब है कि देश में तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों ने पिछले साल से ही इन्हें रद्द कराने के लिए आंदोलन चलाए रखा। वहीं इस दौरान सात सौ से ज्यादा किसानों की मौत हुई जिसमें यूपी के लखीमपुर खीरी में गाड़ी से कुचलकर मारे गए किसान भी शामिल हैं वहीं कुछ किसानों ने गाजीपुर व सिंघू बॉर्डर पर आत्महत्या भी की थी।