पत्थलगांव। जनजातिय आयोग के नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष नन्दकुमार साय ने बीते चार दशक से नमक का परित्याग कर आदिवासी युवाओं को शराब जैसी बुराई से दूर रखने के लिए गांव गांव में जनजागरण अभियान शुरू कर रखा हैं। इस अभियान में ग्रामीण महिलाओं का भी भरपूर सहयोग मिला है। इसी वजह जशपुर जिले में अनेक गांव के लोगों ने शराब से दूरी बना ली है।
साय ने कहते हैं कि आदिवासियों के विभिन्न तीज त्यौहारों के नाम पर शराब बनाने की छूट गैरवाजिब है। इस छुट का दुरूपयोग करके जनजाति वर्ग के युवा शराब जैसी बुराई से दूर नहीं रह पा रहे हैं। उन्होने कहा कि आदिवासियों में बालक और बालिकाओं के लिए शिक्षा को महत्व देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा है कि जनजातिय संस्कृति अपनी विविधता के कारण पूरे देश में अलग पहचान रखती है। इस प्राचीन संस्कृति को बचा कर रखने के साथ इसका समग्र विकास की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जनजातिय संस्कृति से जुड़े विविध आयामों पर काम करने के लिए विषय विशेषज्ञों की टीम जुटा कर प्रभावी तरीके से कार्य करने की जरूरत है। आदिवासियों की इस प्राचीन संस्कृति को नष्ट होने से बचाने सभी राज्यों में ठोस उपाय करने की पहल की जाएगी।