धृतराष्ट्र और गांधारी के 99 पुत्र और एक पुत्री थी, जिन्हें कौरव कहा जाता था। कुरु वंश के होने के कारण ये कौरव कहलाए लेकिन गांधारी के गर्भ धारण के दौरान धृतराष्ट्र ने एक दासी के साथ संबंध बनाए जिससे कौरवों की संख्या 100 हुई थी। गांधारी ने वेदव्यास से पुत्री के लिए वरदान हासिल किया, मगर गांधारी के कोई भी बच्चा नहीं हुआ।
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गुस्से से भरी गांधारी ने अपने पेट पर जोर से मुक्का मार लिया जिससे उसका गर्भ गिर गया। जैसे ही वेदव्यास को इस बात का पता चला उन्होंने फौरन गांधारी को 100 कुएं खुदवाने को कहा, जिसमें उन्होंने घी भरवा कर मरे हुए बच्चे का अवशेष उसमें डाल दिया, जिससे कौरवों का जन्म हुआ। ये माना जाता है लेकिन इसकी वास्तविकता के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
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