धर्मग्रंथों में पूषन् को रक्षा करने वाले देवता माना जाता है। पुराणों में पूषन् को 12 आदित्यों में से एक माना है। पूषन् रहते तो आकाश यानी द्युलोक में हैं पर इनकी नजर सब पर रहती है। सभी प्राणियों को एक साथ देख सकते हैं। समूचे विश्व का निरीक्षण करते हुए हमेशा पृथ्वी और आकाश के बीच घूमते रहते हैं। एक बार भगवान शिव ने पूषन के दांत तोड़ दिए, आप जरूर जानना चाहेंगे कि ऐसा क्या हुआ जिसके कारण भोलेनाथ ने पूषन के दांत तोड़ दिए। आइए आपको बताते हैं इस कथा के बारे में...
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पूषन् दक्ष यज्ञ में शामिल होने गए थे लेकिन यज्ञ में शिव की पत्नी सती ने अपना शरीर यज्ञ कुंड में समर्पित कर दिया। जब भगवान शिव सती की मृत्यु का बदला लेने के लिए दक्ष की सभा में पहुंचे तो वहां पर पूषन् भगवान शंकर को देखकर हंसने लगे। शिव ये देखकर और भी क्रोधित हो गए और उन्होंने गुस्से में आकर पूषन के सारे दांत तोड़ दिए। दांत नहीं होने के कारण ये तरल रूप में ही भोजन या हविर्भाग प्राप्त करते हैं।
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