अकेली और सूनसान सडक़ों से गुजरने पर अक्सर डर लगता है। खासकर महिलाओं के मामले में यह विषय काफी संवेदनशील है, जिनकी सुरक्षा को लेकर घर का हर सदस्य चिंतित रहता है। अक्सर सूनी सडक़ पर चलने वाले यह सोचते हैं कि काश कोई उनके साथ चल सके या कोई उन्हें सिक्योरिटी मिल जाए। मगर, टेक्नोलॉजी के कारण अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
एक ऐसा एप है, जो आपके लिए वर्चुअल सिक्योरिटी गार्ड का काम कर सकता है। इसका नाम है कंपैनियन एप। companion हर उस व्यक्ति के साथ काम करता है, जिसका नंबर आपके कॉन्टेक्ट लिस्ट में है या जो आपके कॉन्टेक्ट लिस्ट में नहीं है, उसके साथ भी यह काम करता है। आपको सिर्फ इतना करना है कि जहां से आप चल रहे हैं, उस जगह यानी स्टार्टिंग प्वाइंट और डेस्टिनेशन यानी मंजिल का नाम इसमें डालना है।
इसके बाद सॉफ्टवेयर आपकी गतिविधि को ट्रैक करेगा। यह थोड़ी-थोड़ी देर में पूछेगा कि क्या आप ठीक हैं और यदि आपने 15 सेकंड में जवाब नहीं दिया, तो यह आपके द्वारा दिए गए नंबर्स में ऑटोमैटिक जानकारी भेज देगा। सुरक्षित होने का जवाब देने के लिए आपको बड़े से ग्रीन बटन को दबाना होता है। एप यह भी पता कर लेता है कि आपने चलना शुरू किया है या नहीं और यह भी कि कहीं किसी ने आपके फोन के हेडफोन के जैक से हेडफोन तो नहीं हटा दिया है।
यदि इन दोनों में से कोई भी मामला होता है, तो एप 15 सेकंड का काउंटडाउन शुरू कर देता है। जवाब नहीं मिलने पर यह फ्रेंड या फैमिली के सदस्यों को मैसेज भेज देता है। इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए यह एप एक और खासियत के साथ आता है। आप अपने कैंपस के आस-पास के उन इलाकों के बारे में भी रिपोर्ट कर सकते हैं, जो सेफ नहीं हैं।