प्राचीन स्मारकों के संरक्षित क्षेत्र में भी हो सकेगा निर्माण

Samachar Jagat | Thursday, 18 May 2017 10:42:48 AM
Construction will also be done in the protected areas of ancient monuments

नई दिल्ली। सरकार ने राष्ट्रीय महत्व के विकास कार्यों को सुगम बनाने के लिए देश के प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक महत्व वाले स्थलों के संरक्षित क्षेत्र में निर्माण कार्यों की अनुमति के लिए कानून में संशेधन को हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इसके लिए प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 में संशोधन के वास्ते संसद में विधेयक लाए जाने को मंजूरी दी गई।

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नई व्यवस्था के तहत अत्यावश्यक लोक निर्माण कार्यों के लिए प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों के पास निर्माण गतिविधियों पर कड़ाई से लगाई गई रोक की सीमा में ढ़ील का प्रावधान किया गया है। अधिनियम के अनुच्छेद दो में लोकनिर्माण की नई व्याख्या को जोड़ा गया है।

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इसके अलावा अधिनियम की धारा 20 ए में संशोधन करके केन्द्र की मंजूरी प्राप्त राष्ट्रीय महत्व वाली परियोजनाओं को प्राचीन और पुरातात्विक महत्व वाले संरक्षित क्षेत्रों से 100 मीटर की दूरी में भी निर्माण की अनुमति दी गई है। मौजूदा कानून में ऐसे संरक्षित क्षेत्रों में अभी किसी भी तरह के निर्माण कार्य की अनुमति नहीं है। सरकार का कहना है कि इसकी वजह से कई अहम परियोजनाओं के रास्ते में दिक्कत आती रही इसलिए कानून में संशोधन का फैसला लिया गया है। -एजेंसी

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