ग्वालियर किला मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। दुनिया भर से पर्यटक इस किले को देखने के लिए आते है। ग्वालियर किले को भारत के किलों का मोती कहा जाता है। यह किला कई शासकों के अधीन रहा लेकिन इसे कोई जीत नहीं सका। यह किला ग्वालियर की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
रात के समय इन सड़कों से गुजरना है मना
समुद्र में रहकर जीवन व्यतीत करते हैं ये लोग
इस स्थान से घाटी और शहर का बहुत ही सुंदर नजारा देखने को मिलता है। इस किले में प्रवेश के 2 रास्ते हैं, पूर्वी दिशा में ग्वालियर गेट है। यहां पर पैदल जाना पड़ता है, वहीं पश्चिमी दिशा में उवई द्वार है, जहां वाहन से पहुंचा जाता है। इस किले का निर्माण सन् 727 ई.वी में सूर्यसन नामक एक स्थानीय सरदार ने करवाया था, जो इस किले से 12 किलोमीटर दूर सिंहानिया गांव का रहने वाला था। एक खड़ी ढाल वाली सड़क किले के ऊपर की ओर जाती है। किले में जैन तीर्थकरों की मूर्तियां बनाई गई हैं।
इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-
पिता की भूमिका होती है अहम बच्चे के विकास में
प्रदूषण से आपको बचाने आए, बाजार में यह स्टाइलिश मास्क
तो क्या इन कारणों से महिलाएं करती है संभोग?