भारत में क्रिकेट के अलावा किसी और खेल की बात ही नही होती। इसीलिए इंडियन हॉकी टीम को सपोर्ट की काफी कमी रहती है। वे जीत के नज़दीक पहुच कर भी हार जाया करते। चाहे बात ओलंपिक्स की ही क्यों ना हो। लेकिन जब हॉकी टीम को मिला ये हीरो तो इंडियन हॉकी टीम के नज़ारे ही बदल गए। ये हीरो है रुपिंदर पाल। उन्होंने अपने चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान टीम को धूल चटा दी है. हॉकी कप्तान ने यह जीत उरी आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित की है. इस खिलाडी से हम सबको सबक लेना चाहिए। खासकर उन लोगो को जिन्हें कुछ कर दिखाना है। आप भी इनसे टिप्स ले सकते है -
अल्प संख्यक छात्रवृत्ति योजना में आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई
- सबसे पहले तकड़ी प्रैक्टिस
वे चाहे विश्व कप खेल रहे हो या नहीं , मगर अपनों प्रैक्टिस हमेसा जारी रखते है। वे प्रैक्टिस कभी मिस नहीं करते. प्रैक्टिस उनके लिए रोज की पूजा की तरह है. शायद यही वजह है कि वे मिडल में खेलते-खेलते दुनिया के सफलतम ड्रैगफ्लिकर बन गए हैं.
स्मोग की वजह से दिल्ली एनसीआर के स्कूल बन्द
-मेहनत लगातार करना
ड्रैगफ्लिक हॉकी की एक ऐसी विधा है जिसमें शुरुआती शॉट बहुत मिस होते हैं. ऐसे में हताश होने के बजाय कोशिश जारी रखनी होती है. वे भी कुछ ऐसे ही हैं.
- अपने टीम से संतुलन बना कर रखना
जाहिर है कि हॉकी एक टीम गेम है. आप अकेले दम पर 1 या 2 गोल भले ही कर सकते हैं, मगर जीत तो टीम के अच्छा खेलने पर ही नसीब होती है. इसके अलावा वे कोच या फिर के अपने गुरु की सलाह को हमेशा सरमाथे रखते हैं. उनके ऐसा करने से उनका गेम भी इम्प्रूव हुआ है.
मोदी ड्रेस के चलते राखी सावंत के खिलाफ राजस्थान में मुकदमा दर्ज
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा कल से
महोबा में एक महिला समेत दो लोगों ने फांसी लगाकर दी जान