कुआलालंपुर। मलेशिया ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि भारत के विवादित उपदेशक जाकिर नाईक को मलेशियाई नागरिकता प्रदान की गई है। उप गृह मंत्री दातुक नूर जजलान मोहम्मद ने नाईक को नागरिकता प्रदान किए जाने संबंधी खबरों को खाजिर करते हुए कल कहा, अगर कोई व्यक्ति मलेशियाई माता-पिता के यहां पैदा नहीं हुआ है तो उसे स्वत नागरिकता प्राप्त नहीं होती है।
नूर ने कहा, कई प्रक्रियाओं का अनुसरण करना होता है और मलेशियाई नागरिक बनने में दशकों लग जाते हैं। नाईक ने दक्षिणपूर्व एशियाई क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्तित्व नहीं हैं क्योंकि हमें अपना खुद के इस्लाम का उदारवादी मॉडल रखना चाहिए जो यहां के लोगों की उदार संस्कृति में फिट बैठता हो।
बहरहाल, भारतीय मूल के लोगों के गैर सरकारी संगठन ‘हिंदू राइट्स एक्शन फोर्स’ हिंद्राफ ने कहा कि गृह मंत्री जाहिद हमीदी ने नाईक को नागरिकता देने से इंकार किया है, लेकिन इस पर चुप्पी साध ली कि क्या उनको स्थानीय निवासी का दर्जा दिया गया है। हिंद्राफ ने आरोप लगाया कि नाईक को मलेशियाई सरकार ने छूट और सहयोग प्रदान किया है तथा उनको अपने भाषण जारी रखने की इजाजत दी है।