मां शैलपुत्री की पूजा के साथ शुरू हुए नवरात्र

Samachar Jagat | Tuesday, 28 Mar 2017 09:30:01 AM
Navaratri started with the worship of Mother Shailputri

चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्र का पर्व मनाया जाता है।  नवरात्र की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होता है, कलश को हिन्दु विधानों में मंगलमूर्ति गणेश का स्वरूप माना जाता है अतः सबसे पहले कलश की स्थापना की जाती है। नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप श्री शैलपुत्री का पूजन किया जाता है।

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पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण ये शैलपुत्री कहलाती हैं। मां शैलपुत्री दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प लिए अपने वाहन वृषभ पर विराजमान होती हैं। नवरात्र के इस प्रथम दिन की उपासना में साधक अपने मन को ‘मूलाधार’ चक्र में स्थित करते हैं, शैलपुत्री का पूजन करने से ‘मूलाधार चक्र’ जागृत होता है और यहीं से योग साधना आरंभ होती है जिससे अनेक प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती हैं। इनकी आराधना से प्राणी सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर लेता है।

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पूजा करते समय इस मंत्र का करें उच्चारण :-

वन्दे वांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम्।।

(Source - Google)

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