अगर घर में हों ये वास्तु दोष तो बच्चों को होती हैं परेशानियां

Samachar Jagat | Saturday, 27 May 2017 02:33:35 PM
These Vastu defects cause children to have problems

वास्तुशास्त्र में दिशाओं को बहुत महत्व दिया गया है। दिशाओं को ध्यान में रखकर ही वास्तु का निर्धारण किया जाता है। माना जाता है कि पूर्व दिशा ऊंची हो तो घर में दरिद्रता एवं अशांति का वास होता है। मकान मालिक दरिद्र बन जाता है और संतान अस्वस्थ तथा मंदबुद्धि होती है। अगर पूर्व दिशा के वास्तु का ध्यान न रखा जाए तो निम्न परेशानियां हो सकती हैं....

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वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में खाली जगह रखे बिना निर्माण करने पर या तो पुत्र, संतान की कमी होती है या संतान विकलांग जन्म लेती है।

पूर्व दिशा में गंदगी, कचरा होने पर धनहानि की घटनाएं ज्यादा घटती है। यदि मिट्टी के टीले हो तो धन एवं संतान की हानि होती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में निर्मित मुख्य द्वार या अन्य द्वार आग्नेयमुखी हो तो दरिद्रता, अदालती चक्कर, चोरी का भय बना रहता है।

पूर्व दिशा का शयन कक्ष होने पर घर का मुखिया चिंतित व अशांत रहने लगता है।

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यदि पूर्व दिशा में रसोईघर हो तो घर परिवार व मुखिया की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है।

पूर्व में शयन कक्ष व उसमें पूजा घर हो तो पति-पत्नि में मतभेद, अशांति व विवाद रहता है।

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