रेलवे के ऑनलाइन टिकट बुकिंग में धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

Samachar Jagat | Sunday, 27 Nov 2016 11:10:38 PM
Fraud in Railway online ticket booking busted, five arrested

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रेलवे के ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम (आईआरसीटीसी) का तकनीकी रूप से दुरुपयोग कर टिकटों की अवैध रूप से बुकिंग करनेे वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच सदस्यों को रविवार को गोंडा से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने यहां बताया कि एसटीएफ उत्तर प्रदेश को काफी दिनों से रेलवे के ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम (आईआरसीटीसी) का तकनीकी रूप से दुरुपयोग कर टिकटों की अवैध रूप से बुकिंग करनेे वाले गिरोह के सक्रिय होकर अवैध रूप से टिकट बुकिंग कराकर बडी धनराशि अर्जित करने की सूचनायें मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि इस मामले में गत 24 नवम्बर को लखनऊ में गिरोह के 43 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

पाठक ने बताया कि सूचना मिली कि गोण्डा के कोतवाली नगर क्षेत्र में गिरोह के कुछ सदस्य अवैध रूप से बडी वसूल कर रेलवे टिकटों की बुकिंग कर रहे हैं। एसटीएफ की टीम ने गोण्डा के रोडवेज बस स्टैण्ड के पास बहराइच रोड पर स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने घेराबन्दी कर बल प्रयोग करते हुए गोण्डा निवासी पॉचों अभियुक्तों रामेश्वर पाण्डेय उर्फ अविनाश पाण्डेय, राम सिंह, राहुल मिश्रा, अभय प्रताप सिंह और सोनी पाण्डेय उर्फ ऋतु पत्नी राहुल पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से तीन लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन और एक कार बरामद की गई।

पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि उनके द्वारा रेलवे के तत्काल बुकिंग के टिकट एवं रिजर्वेशन कराने वाले अवैध सॉफ्टवेयर-ब्लैक टीøएसø, रेड मिर्ची, चाइना, क्लाउड, क्लासिक, काउण्टर, एचøपीø, स्पार्क, साईकिल ग्लोबल, क्राउन, हिट पीøएनøआरø इत्यादि को रिजर्वेशन कराने वाले छोटे-छोटे एजेन्ट््स को बेचते हैं। उनके पास रेलवे का कोई अधिकार-पत्र, टिकट आदि विक्रय करने का नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त सॉफ्टवेयर को बेचने के लिए वे विभिन्न वेबसाइटों व सोशल मीडिया जैसे-यू-ट््यूब व व्हाट््सएप आदि का प्रयोग करते हैं।

इसके अलावा उनके द्वारा ‘टॉक टू एन्ड्रायड मोबाइल’ एप्लीकेशन का प्रयोग करके अपने मोबाइल नम्बर को न दर्शाते हुए प्रचार-प्रसार किया जाता है। पूछताछ में यह भी पता चला कि इस गिरोह के सदस्य तत्काल बुकिंग सिस्टम में उक्त अवैध सॉफ्टवेयरों की मदद से अत्यन्त तीव्रता से धोखाधड़ी करके रेलवे टिकटों की बुकिंग कर लेते हैं, जिस कारण आम आदमी को तत्काल बुकिंग सेवा का लाभ नही मिल पाता है। अवैध रूप से बुकिंग किए गए टिकटों में वे 500 से 700 रुपए प्रति टिकट लाभ कमा लेते हैं।

पुलिस ने इस सम्बन्ध में मामला दर्ज कर लिया है।



 

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