नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पढऩे वाले उन छात्रों के लिए राहत की खबर है जो महंगे प्रकाशकों की किताब खरीद कर पढऩे में असमर्थ हैं। ऐसे छात्र अब महंगे किताब खरीदने के बजाय उसका फोटो कॉपी खरीद कर पढ़ सकते है।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रकाशकों की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमे डीयू में किताबों के फोटो कॉपी कराने पर रोक लगाने की मांग की थी। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला दिया है।
साल 2012 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी कई प्रकाशकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर डीयू में हो रहे किताबों के फोटो कॉपी पर रोक लगाने की मांग की थी। डीयू में छात्र किताब खरीदने के बजाय पुस्तकालय से किताब लेकर उसका फोटोकॉपी कराकर पढ़ते है।
पीठ ने कहा कि किताब के अहम भाग का फोटोस्टेट करना कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जा सकता। अगर छात्रों को फोटोस्टेट कराने की इजाजत नहीं दी गई तो उन्हें लंबा समय लाइब्रेरी में बैठकर केवल नोट्स बनाने पर ही व्यर्थ करना पड़ेगा।
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आज के समय में जब आधुनिक तकनीक उपलब्ध है, ऐसे में छात्रों को इसके लाभ से वंचित रखना गलत होगा। किसी भी कानून की व्याख्या हमें पीछे धकेलने वाली नहीं हो सकती है।