इटावा। समाजवादी पार्टी (सपा) मे चल रहे अंर्तकलह के बीच राज्यसभा सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने अपने निष्कासन को आज असंवैधानिक बताते हुए कहा कि वह पार्टी में हमेशा बने रहेंगे। उन्होने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को कुछ लोगों ने बरगलाकर उन्हें पार्टी से बाहर निकलवाया है। उन पर जो आरोप लगाए गए है वे सभी पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं।
यहां जिला पंचायत भवन के प्रेक्षागृह में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रो. रामगोपाल यादव भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए। यादव ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा कोई गलत काम नहीं किया जिससे पार्टी या परिवार के दामन पर कोई दाग लगे। उन्होंने कहा कि जिस शख्स ने पार्टी का संविधान तैयार किया, पार्टी के झंडे का चयन किया और पार्टी का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन करवाया उसे कैसे पार्टी से निकाला जा सकता है।
उन्होने कहा कि इसके साथ ही पिछले दो महीने में पार्टी से जिन लोगों को निकाला गया है उन सभी का निष्कासन भी असंवैधानिक है। सभी निष्कासित नेताओं की पार्टी में तत्काल वापसी होनी चाहिए। यादव ने कहा, कुछ लोग उन पर उंगली उठा रहे हैं और तमाम आरोप लगा रहे हैं।
ऐसे लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि मुझ पर उंगली उठाने से पहले वे अपना दामन देखें। न तो मैं बेइमान हूं और न ही किसी गलत काम में कभी मेरी संलिप्तता रही है। मैंने अपना पूरा जीवन बहुत सादगी, सरलता और ईमानदारी से जिया है। मैं सिद्धांतों और उसूलों वाला शख्स हूं।
उन्होने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को न्यूक्लियर डील पर समर्थन देने के बाद उनको मुझे मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) से कह दिया कि उनको मंत्री नहीं बनना है।
यादव ने कहा, मुझे कभी किसी पद या कुर्सी का कोई लालच नहीं रहा। नेताजी जब अपने मन और विवेक से काम करते हैं तो वह बहुत शानदार फैसला लेते हैं लेकिन जब वह दूसरों के बहकावे में आकर काम करते हैं तो अक्सर उनके फैसले गलत साबित होते हैं। कुछ लोग अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं, यही लोग नेताजी को झूठी बातें बताकर उनसे गलत फैसले करवा लेते हैं।
यादव ने कहा कि वह सपा की स्थापना के समय से इससे जुड़े हुए है। चुनाव आयोग में सपा का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा था, तब उन्होने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। मेरी याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को सपा का रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा कि उसके बाद आयोग में समाजवादी पार्टी (सपा) का रजिस्ट्रेशन हुआ। पार्टी के 25 साल पूरे होने पर पिछले दिनों लखनऊ में रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया, लेकिन उसमें मुझे नहीं बुलाया गया। इससे उन्हें बहुत दुख पहुंचा है।
यादव ने कहा कि कुछ लोगों के बहकावे में आकर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन्होने नेताजी को जो चि_ी लिखी थी, उसमें सच्चाई और सिर्फ सच्चाई लिखी थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ किया कि वह राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे। रहा सवाल सदन में पार्टी के नेता का तो कोई भी नेता सदन बन जाए, कोई भी रामगोपाल यादव की कुर्सी पर बैठ जाए, लेकिन वह रामगोपाल यादव नहीं बन सकता।
प्रो रामगोपाल यादव ने कहा, मैं हमेशा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ था और रहूंगा। मुख्यमंत्री को नजरअंदाज करके जिस तरह मनमाने तरीके से विधानसभा चुनाव के टिकटों का वितरण किया जा रहा है उससे पार्टी के लाखों कार्यकर्ता, सांसद और विधायक आहत हैं। इन लोगों ने मुझसे मिलकर टिकट वितरण में मुख्यमंत्री की सहमति अनिवार्य किए जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा ने यह भी कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं यह घोषित करें कि विधानसभा का चुनाव अखिलेश यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और वही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। ऐसा न होने की स्थिति में पार्टी का विशेष अधिवेशन बुलाया जाए जो सभी मामलों में अंतिम निर्णय ले।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की अगुवाई में विधानसभा चुनाव लडऩे पर समाजवादी पार्टी को भारी विजय मिलेगी। विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कहीं टिक नहीं पाएंगी और एक बार फिर उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी।
यादव ने कहा कि पिछले दो महीने से सपा और परिवार में जो कुछ चल रहा है उसका विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अखिलेश यादव अब और निखरकर जनता के सामने आए हैं। आज उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में अखिलेश यादव की धूम है। जनता में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।