भारत बांग्लादेश सीमा पर तस्करी रोकने को साझा तंत्र

Samachar Jagat | Tuesday, 21 Feb 2017 02:35:13 PM
Sharing mechanism to prevent smuggling on the Indo-Bangladesh border

भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी रोकने के लिए दोनों देशों के सुरक्षा बल कई सीमावर्ती इलाकों में मिलकर निगरानी रखेंगे। दोनों देशों के बीच इस तरह का मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है, जिससे घुसपैठ, तस्करी की सूचना मिलने पर साझा रूप से त्वरित कार्रवाई की जा सके। एक दूसरे को इनपुट देने के अलावा कुछ बिंदुओं पर एक दूसरे की सीमाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार दोनों देश बेहतर आपसी समझ के साथ घुसपैठियों और तस्कारों के खिलाफ अभियान चलाने पर सहमत हुए हैं।

 बांग्लादेश सीमा के जरिए भारत में अस्थिरता फैलाने और तस्करी संबंधी पाकिस्तान की नापाक साजिश से जुड़े इनपुट भी भारत साझा कर रहा है। सूत्रों के अनुसार विदेश सचिव 23-24 फरवरी को ढाका में होंगे। इस यात्रा के दौरान भी सीमा पर तस्करी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। इन सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश ने भरोसा दिया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा। बांग्लादेश के भीतर कई ऐसे गुटों पर नकेल कसी गई है जो भारत के खिलाफ साजिश रचने या पाकिस्तान के इशारे पर अस्थिरता फैलाने की कोशिश करते रहे हैं। शेख हसीना सरकार आतंकवाद, तस्करी और घुसपैठ के मुद्दे पर पूरी दृढ़ता से भारत का समर्थन कर रही है। 

ढाका हमले के बाद से दोनों देश लगातार आतंकरोधी अभियानों को लेकर एक दूसरे के संपर्क में है। साथ ही अहम इनपुट साझा किए जा रहे हैं। यहां यह बता दें कि भारत-बांग्लादेश की जमीनी सीमा 4096 किलोमीटर के क्षेत्र में है। यह दुनिया में देा देशों के बीच तीसरी सबसे बड़ी सीमा है। भारत के पांच राज्यों से बांग्लादेश की सीमा जुड़ी है। कई इलाकों में प्राकृतिक सीमा के बजाए मानव रहित सीमाएं है। कुल सीमा का आधे से ज्यादा पश्चिम बंगाल से जुड़ी है। करीब 2217 किलोमीटर सीमा पश्चिम बंगाल से जुड़ी है। 

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश बॉर्डर, गार्ड ने पिछले साल मार्च में सुंदरबन मैत्री में जवानों, बम स्क्वायड और खोजी दस्ते के कुत्तों के साथ साझा ड्रिल किया था। दोनों देशों का मानना है कि इस तरह की ड्रिल से सीमावर्ती इलाकों में बेहतर समझ के साथ मजबूती से अभियान चलाए जा सकते हैं। बीएसएफ के कामाख्या और दुर्गा में बीओपी पर भी दोनों देशों की संयुक्त गतिविधियां संचालित की गई है।

 सूत्रों का कहना है कि नई सरकार के अस्तित्व में आने के बाद से सीमा पर पशुओं की तस्करी में करीब साठ फीसदी तक की कमी आई है, लेकिन जाली नोटों का कारोबार और कई अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की कार्यकारी योजना को बेहतर बनाया जा सकता है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने पशुओं की तस्करी के अलावा जाली भारतीय नोटों को लेकर कई बार अपनी चिंता जाहिर की है। सूत्रों की माने तो पाकिस्तान ने पश्चिम बंगाल से सटी बांग्लादेश सीमा के जरिए भारत में नकली नोटों का कारोबार तेजी से फैलाने की कोशिश तेज कर दी है। 

भारत-बांग्लादेश सीमा पर कुछ ही दिनों के भीतर दो बार दो हजार के जाली नोट पकड़े जाने से सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दी गई सूचना पर उमर फारूक नाम के व्यक्ति को पश्चिम बंगाल के मालदा के निकट बांग्लादेश सीमा पर पिछले सप्ताह बुधवार को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से दो हजार के सौ जाली नोट सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जब्त किए। यह गिरफ्तारी बीएसएफ और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के संयुक्त अभियान में हुई। 

इसके अलावा कुछ दिन पहले जब्त किए गए दो हजार के जाली नोट में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया था। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों को आगाह किया है कि वे नकली नोटों के तस्कर गिरोहों पर कड़ी नजर रखें। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि भारत-बांग्लादेश सीमा काफी संवेदनशील है। इस सीमा के जरिए पाकिस्तान से नकली नोट भारत में भेजने की कोशिश नई नहीं है। पहले भी पाकिस्तान इस तरह की हरकत करता रहा है। बुधवार को पकड़े गए नोट पाकिस्तान से आए थे या नहीं, इसकी जांच हो रही है।

 लेकिन एजेंसियां इस बात को पक्का मान रही है कि पड़ोसी देश ने दो हजार के जाली नोट छापने का काम शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि अभी पाकिस्तान अपने नोटों को प्रयोग के तौर पर भेज रहा है। पाकिस्तान के किस प्रेस में यह नोट छापे जा रहे हैं। नोटों की मात्रा कितनी है। उन्हें कितने सुरक्षा फीचर्स को कापी करने में सफलता मिली है। इन सभी बिंदुओं की एजेंसियां जांच कर रही है। सूत्रों ने माना कि जाली नोट का जाल फैलाने के लिए पाकिस्तान साफ्ट टार्गेट तलाश रहा है। 

एजेंसियों को चिंता है कि जो नोट पकड़ में आए हैं, उनके अलावा कुछ नोट बाजार में न आ गए हों। इस आशंका को दूर करने के लिए देश के भीतर जाली नोटों के तस्करों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि सरकार को इस बात की जानकारी है कि नकली नोटों का कारोबार करने वाल हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठे हैं। लेकिन सरकार ने इनकी धरपकड़ के लिए कड़ी व्यूह रचना तैयार की है। बांग्लादेश सीमा के अलावा नेपाल सीमा पर भी चौकसी के निर्देश दिए गए हैं। 

पाकिस्तान नेपाल सीमा के जरिए भी भारत में नकली नोट की बड़े पैमाने पर तस्करी करता रहा है। पाक की खुफिया एजेंसी पश्चिम बंगाल, असम से सटी सीमाओं के अलावा बिहार से लगी भारत-नेपाल सीमा के जरिए जाली नोट भारत में भेजने की कोशिश करती रही है। इन सब हालातों के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश के सुरक्षा बलों की संयुक्त कारवाई के लिए साझा तंत्र के विकसित किए जाने से घुसपैठ और तस्करी पर साझा रूप से त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी।



 

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