हिन्दू पंचांग गणना के अनुसार सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहता है और जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है तो अगले 30 दिनों यानी एक महीने की अवधि को खरमास कहा जाता हैं। इस बार 14 मार्च से खरमास शुरू हो चुका है और ये 14 अप्रैल तक रहेगा।
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खर मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है जैसे मुंडन संस्कार, नए व्यापार की शुरुआत,गृह प्रवेश आदि। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुभ कार्य के लिए त्रिबल - सूर्य बल, चंद्र बल व गुरु बल की शुद्धि की आवश्यकता होती है। खरमास में दो की ही शुद्धि प्राप्त होती है। इसलिए इस माह में विवाहादि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
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इसके साथ ही इन दिनों में दान-पुण्य का बहुत महत्व होता है, माना जाता है कि इस माह में भगवान की पूजा-अर्चना की जाए तो इससे विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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