क्यों किया सूर्यदेव ने अपने ही पुत्र शनि का त्याग

Samachar Jagat | Saturday, 03 Dec 2016 10:03:13 AM
Why Would surya Sacrifice His Son shani

सूर्य की दूसरी पत्नी के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ था। जब शनि देव छाया के गर्भ में थे तब छाया भगवान शंकर की भक्ति में इतनी ध्यान मग्न थी की उसे अपने खाने-पीने तक सुध नहीं रही। इसका प्रभाव उसके पुत्र पर पड़ा और शनिदेव का वर्ण श्याम हो गया, शनि के श्यामवर्ण को देखकर सूर्य ने अपनी पत्नी छाया पर आरोप लगाया की शनि मेरा पुत्र नहीं हो सकता है।

छल से छीन लिया भगवान विष्णु ने शिव से बद्रीधाम

सूर्यदेव ने शनि का त्याग कर दिया। बड़े होने पर जब ये बात शनिदेव को पता चली तो वह अपने पिता से शत्रुता रखने लगे। शनि देव ने अपनी साधना तपस्या द्वारा शिवजी को प्रसन्न कर अपने पिता सूर्य की भांति शक्ति प्राप्त की और शिवजी ने शनि देव को वरदान मांगने को कहा, तब शनि देव ने कहा कि प्रभु युगों युगों से मेरी माता छाया की पराजय होती रही हैं।

पाण्डु नहीं बन सकते थे पिता तो फिर कैसे हुआ पांडवों का जन्म

मेरे पिता सूर्य द्वारा मेरी माता को अनेक बार अपमानित व प्रताड़ित किया गया हैं, अतः मेरी माता की इच्छा है कि मैं अपने पिता से इस अपमान का बदला लूं, ऐसा तभी हो सकता है जब मैं उनसे ज्यादा शक्तिशानी बनूं। भगवान शंकर ने वरदान देते हुए कहा कि नवग्रहों में तुम्हारा सर्वश्रेष्ठ स्थान होगा। मानव तो क्या देवता भी तुम्हारे नाम से भयभीत होंगे। इस तरह शनिदेव को सभी शक्तियां प्राप्त हुईं।

इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-

हर साल मोगली उत्सव देखने के लिए यहां आते हैं पर्यटक

किसी एडवेंचर से कम नहीं है हिमालय के पहाड़ों में ट्रेकिंग करना

पिछले 4000 सालों से शांत पड़ा है ये ज्वालामुखी



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.