फ्लोरिडा । टेस्ट सीरीज में भले ही वेस्टइंडीज को अपनी ही जमीन पर हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन कैरेबियाई टीम ने इसी वर्ष भारत की मेजबानी में हुए ट्वंटी 20 विश्वकप में खिताब जीता था और वह एक बार फिर धोनी एंड कंपनी के लिए इस प्रारूप में चुनौती साबित हो सकती है। अमेरिका में भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और ऐसे में टीम इंडिया के लिये व्यापक समर्थन के साथ बेहतर प्रदर्शन का दबाव भी रहेगा।
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वहीं वेस्टइंडीज टीम को चैंपियन बनाने वाले कप्तान डैरेन सैमी को न सिर्फ कप्तानी से हटा दिया गया है बल्कि वह टीम का भी हिस्सा नहीं होंगे। लेकिन विश्वकप में अपने लगातार चार छक्कों से मैच जिताने वाले ब्रेथवेट बड़ा खतरा हो सकते हैं। ब्रेथवेट अपने पसंदीदा प्रारूप में कप्तानी करने को लेकर उत्साहित हैं और टेस्ट में हार की शर्मिंदगी से टीम को उबारना चाहते हैं। उन्होंने कहा वेस्टइंडीज की टीम की अगुवाई करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी और उन्हें खिलाडिय़ों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना होगा। सैमी के बाद कुर्सी संभालने वाले ब्रेथवेट अपनी कप्तानी में टीम को सफलता दिलाना चाहते हैं और धोनी के लिये यह बड़ी चुनौती साबित हो सकती है जो काफी समय के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौट रहे हैं।
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वैसे भारतीय टीम के पास बेहतरीन खिलाडिय़ों की कमी नहीं है और टेस्ट सीरीज जीतने के बाद उसका आत्मविश्वास भी काफी ऊंचा है। विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़यिों के लिये प्रारूप में अचानक से बदलाव कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन वे सभी अच्छी फार्म में हैं और ऐसे में भारतीय टीम का पलड़ा भी बराबर ही कहा जा सकता है। भारत ने हाल ही में आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ ट्वंटी 20 में अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि जून में जिम्बाब्वे के खिलाफ उसने 2-1 से सीरीज जीती थी। भारत की 14 सदस्यीय टीम में सबसे बड़ा बदलाव केवल कप्तानी का रहेगा जिसमें इस बार नेतृत्व विराट के बजाय धोनी के पास रहेगा और टीम इंडिया के पास विश्वकप सेमीफाइनल में मिली हार का वेस्टइंडीज से बदला लेने का मौका भी रहेगा।
(एजेंसी )