खेल डेस्क- दिसंबर 2007 का वक्त था। भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 की वर्ल्ड चैंपियन बन चुकी थी, मगर टेस्ट और वनडे में शिखर छूना बाकी था। बीसीसीआई ने भविष्य को देखते हुए एक ऐसे क्रिकेटर को टीम इंडिया का कोच बनाया, जो हर बार फॉर्म से बाहर जाने पर कड़ी मेहनत कर शानदार वापसी करता। वह क्रिकेटर थे गैरी कर्स्टन, जिनका जन्म 23 नवंबर 1967 को दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में हुआ था। कर्स्टन को दो साल के लिए नियुक्त किया गया था, मगर उनके प्रदर्शन की वजह से एक साल का एक्सटेंशन दिया गया।
कर्स्टन की कोचिंग में टीम इंडिया ने टेस्ट में नंबर-1 की कुर्सी हासिल की तो 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया। हालांकि इससे पहले दक्षिण अफ्रीका का सफल दौरा कर्स्टन की कोचिंग का ही नतीजा माना जाता है। वर्ल्ड कप जीतने के बाद अपने कोच की मेहनत को सम्मान देने के लिए खिलाड़ियों ने कर्स्टन को कंधों पर उठाकर पूरे मैदान की परेड कराई थी। कर्स्टन के पास तकनीक की कमी थी, मगर अनुशासन, टेंपरामेंट और कड़ी मेहनत करने की इच्छाशक्ति ने उन्हें दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की रीढ़ बना दिया था।
कर्स्टन के भीतर लंबे समय तक रन स्कोर करने की अद्भुत क्षमता थी। जब भी वह आउट ऑफ फॉर्म होते तो वापसी के लिए घंटों अभ्यास करते। गैरी ने तब 21 टेस्ट शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन मजे की बात यह है कि जब-जब कर्स्टन ने शतक जड़ा, टीम की जीत तय हो गई। सिर्फ एक मैच ऐसा रहा जिसमें कर्स्टन के शतक के बावजूद दक्षिण अफ्रीका हार गया।
101 टेस्ट के कॅरियर में कर्स्टन तब चमके जब उन्होंने 1999 में बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेलते हुए इंग्लैंड के खिलाफ अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी (275 रन) खेली। क्रिकइंफो के मुताबिक, कर्स्टन के नाम पर एकदिवसीय मैचों में किसी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सर्वाधिक स्कोर (188 रन नाबाद) का रिकॉर्ड भी है, जो उन्होंने 1996 वर्ल्ड कप में यूएई के खिलाफ बनाया था।
रिटायरमेंट के बाद गैरी ने 2007 में अपने गृहनगर केपटाउन में एक एकेडमी खोली, मगर उसी साल उन्हें टीम इंडिया का कोच बना दिया गया। 2011 में भारत को वर्ल्ड कप जिताने के बाद कर्स्टन अपनी घरेलू टीम को भी वही खिताब दिलाने में जुट गए। हालांकि वह दक्षिण अफ्रीका को विश्वविजेता तो नहीं बना सके, मगर उन्होंने प्रोटीज को टेस्ट की नंबर एक टीम जरूर बना दिया। उनकी कोचिंग के दौरान अीम ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती, जिसकी वजह से दक्षिण अफ्रीका को शीर्ष पर पहुंचने में मदद मिली। सितंबर 2013 में गैरी को आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स का कोच चुना गया।