नई दिल्ली। नागर विमानन ने कहा है कि वे ‘निष्पादन की दृष्टि से चुनौतियों’ वाले अड्डों के लिए उड़ानों पर लोगों को सुरक्षा नियमों के तहत बहुत बड़े आकार के हैंड-बैग न ले जाने दें। ऐसे हवाई अड्डों को कार्य निष्पादन की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण माना जाता है जहां पट्टी छोटी होती है या वे उंचाई पर होते हैं और वहां हवा का घनत्व कम होता है। इनमें लेह जैसे हवाई अड्डे आते हैं।
ऐसे हवाई अड्डों पर उड़ानों के परिचालन के लिए डीजीसीए ने सुरक्षा संबंधी एक नया सर्कुलर जारी किया है। हवाई अड्डे पर वायुमंडल के ताप, दाव व हवाओं के वेग व रन-वे की स्थिति से विमानों के उडऩे तथा उतरने के दौरान असर पड़ता है।
सर्कुलर में कहा गया है कि बड़े हैंड-बैग से ओवर-लोडिंग की समस्या और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में एयरलाइन आपरेटर यह सुनिश्चित करेंगे कि हैंडबैग का आकार सीट के उपर सामान रखने के लिए बने खांचों और सीट के नीचे की जगह के हिसाब से सीमित रहे। इसके अलावा विमान में क्षमता से अधिक यात्री न हो।