नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) की वसूली पर प्रशासिनक नियंत्रण को लेकर केन्द्र और राज्यों की आज हुई बैठक बेनतीजा रही। जीएसटी परिषद की आज यहां अनौपचारिक बैठक हुई जिसमें कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
अब फिर से 25 नवंबर को बैठक होगी जिसमें इस पर आगे चर्चा होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली और राज्यों के वित्त मंत्रियों की यह अनौपचारिक बैठक जीएसटी के तहत प्रशासनिक नियंत्रण के बटंवारे पर जारी राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए बुलाई गई थी।
जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह बेनतीजा रही है और अब 25 नवंबर को इस पर आगे चर्चा होगी। उसी दिन जीएसटी परिषद की भी बैठक होगी।
सरकार एक अप्रैल 2017 से जीएसटी को लागू करने की तैयारी कर रही है जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और स्थानीय कर मिला दिए जाएंगे। उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्य 1.5 करोड़ रूपए का सालाना कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों पर अपना नियंत्रण चाहते हैं।
उनका कहना है कि राज्यों ने सतही स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है और छोटे करदाता राज्यों के अधिकारियों से भली भांति परिचित भी हैं। हालांकि केन्द्र इस पर सहमत नहीं है और उसका कहना है कि सेवा करदाताओं के लिए एकल पंजीकरण तंत्र होना चाहिए।