इंटरनेट डेस्क। देश के सबसे बड़े रतन के रूप में पहचाने जाने वाले रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने एक बार फिर से सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया की कमान अपने हाथों में ले ली है। टाटा समूह ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए करीब 18 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई और इसे अपने स्वामित्व में ले लिया। टाटा समूह द्वारा एयर इंडिया को खरीदने के लिए लगाई गई बोली के बाद डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि 31 अगस्त 2021 तक एयर इंडिया पर कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपये है।
"Welcome back, Air India," tweets Ratan Tata on Tata Sons winning the bid for Air India pic.twitter.com/Fg5bmwqa3S
— ANI (@ANI) October 8, 2021
एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार, डीआईपीएएम के सचिव तुहिन पांडे ने बताया कि सरकार ने 2009-10 से नकद सहायता के रूप में 54,584 करोड़ रुपये और एयर इंडिया के लिए गारंटी सहायता के रूप में 55,692 करोड़ रुपये डाले हैं, जो कुल 1,10,276 करोड़ रुपये है। सफल बोली लगाने वाले द्वारा 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। सफल बोलीदाता द्वारा लिए गए ऋण के बाद ऋण की स्थिति 46,262 करोड़ रुपये रहेगी।
सरकार की शर्तों के मुताबिक सफल बोली लगाने वाली कंपनी यानी टाटा को एयर इंडिया के अलावा सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा। वहीं, एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा होगा।