राजस्थान को जैविक प्रदेश बनाने मांग

Samachar Jagat | Thursday, 19 May 2022 10:03:00 AM
Demand to make Rajasthan an organic state

जयपुर । भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से राज्य को जैविक प्रदेश बनाने की मांग की है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अतुल गुप्ता के नेतृत्व में कल यहां एक प्रतिनिधिमण्डल ने श्री मिश्र से मुलाकात कर उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राज्यपाल को अवगत कराया कि भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ मूलत: देश में रासायनिक खेती को पूरी तरह से बंद करने अर्थात जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एवं अन्य राज्यों के कृषि से जुड़े किसानों को मार्गदर्शन का काम कर रहा है।


डॉ. गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में देश का 11 प्रतिशत क्षेत्र कृषि योग्य भूमि है। राज्य में 50 प्रतिशत सकल सिचित क्षेत्र है जबकि 30 प्रतिशत शुद्ध सिचित क्षेत्र है, यानी 177.78 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में खेती की जाती है। प्रदेश में कृषि जोत का औसत आकार 3.07 हैक्टेयर है, जो कि देश में कृषि जोत के आकार के आधार पर राजस्थान का क्रमश: नागालैंड, पंजाब एवं अरूणाचल प्रदेश के बाद चौथा स्थान है।


उन्होंने कहा कि संघ प्रदेश को वर्ष-2०3० तक पूर्ण जैविक राज्य बनाने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष-2017 में जैविक कृषि नीति जारी की। इसके बाद भी समय-समय पर जैविक खेती को लेकर प्रयास होते रहे हैं, मगर उनका वास्तविक रूप से धरातल पर काम देखने को नहीं मिला। इसका प्रमाण ये है कि वर्तमान में महज प्रदेश में 65 हजार हेक्टयेर भूमि पर ही जैविक खेती हो रही है। इसे गति देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पहले कृषि बजट में राजस्थान जैविक खेती मिशन की घोषणा की है। इसके तहत तीन लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती विस्तार का लक्ष्य रखा है। अगले तीन वर्षो में चार लाख किसानों को जैविक बीज, जैव उर्वरक एवं कीटनाशक उपलब्ध कराने के लिए 6०० करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।


डॉ. गुप्ता ने कहा कि देश में रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिवर्ष 16 अरब रूपये (160 बिलियन) की सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा कीटनाशक, ट्रैक्टर आदि की सब्सिडी मिलकर करोड़ों रूपये खर्च हो रहे हैं। इसी प्रकार जैविक खेती के लिए भी सब्सिडी की आवश्यकता है। हमारे देश में सब्सिडी का सीधा असर उस तकनीक के प्रसार पर होता है। हाल के वर्षों में जड़ी-बूटी की खेती में औषधीय पादप बोर्ड द्धारा 25-30 प्रतिशत सब्सिडी देने से देशभर में जगह.जगह इनकी खेती शुरू हुई है, हालाँकि सब्सिडी से स्थाई विकास नहीं होता है किन्तु प्रसार के लिए एक अच्छा उपाय है। 



 

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