जयपुर। राजस्थान विधानसभा में कोटा शहर में विद्युत बिलों को निजी कंपनी को सौंपने के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने अपनी ही पार्टी को कटधरे में खड़ा किया। विधानसभा में प्रश्नकाल में भाजपा के प्रहलाद गुंजल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार द्वारा कोटा शहर में निजी विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिलों की राशि मे बढ़ोतरी की जा रही है जिससे आम उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी निजी कंपनी की मनमानी को रोकने में नाकाम हो रहे है और भारी भरकम बिजली के बिलों के कारण आम उपभोक्ताओं में काफी रोष है।
उन्होंने कहा कि कोटा थर्मल पावर की पांच इकाईयां बंद होने और बिजली की आपूर्ति नहीं की जाने के बावजूद उपभोक्ताओं के नवम्बर माह के बिलों की राशि बढ़ी हुई आ रही है। जबकि जून की अपेक्षा इन महीनों के बिलों में बीस प्रतिशत से भी कम बिल आना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी कंपनी को काम सौंपने के बाद क्षेत्र में न तो बिजली की चोरी रूक रही है और न ही छीजत। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों द्वारा पुराने बिलों में अवशेष जोडक़र बढ़ोतरी की जा रही है।
भाजपा के ही भवानी सिंह राजावत ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि क्षेत्र में छह छह घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है और प्रदेश के कई शहरों में जहां 70 प्रतिशत से अधिक छिज्जत वाले शहरों में निजी कंपनियों को काम नही सौंपा गया है। इस बीच कांग्रेस के गोविंद डोटासरा और अन्य विपक्षी सदस्यों ने शेम शेम के नारे लगाए। सरकार के मुख्य सचेतक मदन राठौड़ कुछ बोलने लगे तो डोटासरा ने कहा कि आप इसमें हस्तक्षेप नही करें और माननीय सदस्य को बोलने दें। विपक्षी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने खड़े होकर कहा कि प्रदेश में फ्रेंचाइजी को किसने लागू किया।
उर्जा मंत्री पुष्पेन्द्र ने कहा कि कोटा में फ्रेंचाइज निजी कंपनी को देने के बाद वहां बिजली की छिज्जत 29 प्रतिशत से घटकर 14 प्रतिशत आ गई है। इसी तरह बिजली चोरी भी 22 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि निजी कंपनी पर सरकार का नियंत्रण है और समय-समय पर इनके साथ बैठके कर स्थिति की समीक्षा की जाती है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के भरतपुर सहित अन्य स्थानों पर निजी कंपनियों द्वारा बिलों के वितरण व्यवस्था करने के बाद आम जनता की समस्याओं का निराकरण शीघ्र होने लगा है। उन्होंने कहा कि डिस्कॉम के समय क्षेत्र में बिजली संबंधी 15000 शिकायत आती थी, जबकि निजी कंपनी के पास 21900 शिकायतें आईं थीं। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों के पास आई शिकायतों का निराकरण शीघ्र होने लगा है।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि आम उपभोक्ता को राहत देने की मंशा है और निजी कंपनी को कार्य सौंपने से डिस्कॉम को आगामी 20 साल में 915 करोड़ का फायदा होगा। उन्होंने कहा कि निजी कंपनी को वितरण का काम सौंपने से कई जगह वसूली बढ़ी है।