जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के पांच वर्षीय लॉ कॉलेज के एक छात्र द्वारा कथित रैगिंग का आरोप लगाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन में इस मामले में एक जांच कमेटी का गठन किया है। फाइव ईयर लॉ कॉलेज के डायरेक्टर प्रो. अनिल मेहता ने बताया की जानकारी मिलते ही तुरन्त ही इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया है।
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कमेटी में संदीप सिंह ,घनश्याम बेडा, तरूण जोनवाल, राजीव सोनी को नियुक्त किया गया है। कमेटी जल्द ही दोनों पक्षो से मामले के बारे में तथ्य जुटाकर रिपोर्ट पेश करेगी। अगर मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो दोषी छात्रों की खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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पीडि़त छात्र द्वारा बताए गए आरोपी चंद्र शेखर शर्मा ने बताया की मेरी अक्षय सोनी से आखिरी मुलाकात सितंबर में हुई थी, इसके साथ फेसबुक पर 2 अक्टूबर 2014 के बाद कभी बात नही हुई है। कॉलेज व्हाटग्रुप पर हमने इसका नाम लेकर कुछ भी नही कहा है। हमने सिर्फ यह कहा था की रिजल्ट आ गया है और पास हो गए है।
रैगिग के सेक्शन 3 का क्लोज डी कहता है की रैगिग सिर्फ सीनियर के द्वारा ली जाती है जबकि यह हमारा सहपाठी है तो रैगिग का मामला है ही नहीं सिर्फ मामले को जबरदस्ती रैगिग का नाम देकर तूल दिया जा रहा है। अगर मेरे खिलाफ कोई भी इस प्रकार के सबूत मिलते है तो मैं अपने आप को दोषी मान लूंगा और हर तरह की सजा भुगतने को तैयार हूं। लेकिन मैं इस मामले में किसी भी प्रकार का दोषी नही हूं।
इस मामले में पीडि़त स्टूडेंट द्वारा बताए अन्य दो आरोपी आशीष जैफ और फैजल अमान ने भी इस मामले को वेजवह तूल देना बताया और कहा की अगर ऐसा तो हम आज कॉलेज नही आते और आकर हमारा पक्ष नही रखते। यह सारे आरोप निराधार है।
राजस्थान यूनिवर्सिटी फाइव ईयर लॉ कॉलेज के आठवे सेमेस्टर के अन्य स्टूडेंट नचिकेता पारीक का कहना है की यह हम सहपाठियों का आपसी मामला है इसे वजह तूल दिया जा रहा है, यह किसी भी प्रकार से रैगिग का मामला बनता ही नही है। ऐसे मामलो को तूल देकर महाविद्यालय के छवि खऱाब करने की साजिश की जा रही है। इस मामले में निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
गौरतलब है शुक्रवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी के फाइव ईयर विधि महाविद्यालय के छात्र अक्षय सोनी ने अपने ही कॉलेज के तीन छात्रों के खिलाफ रैगिंग से क्षुब्ध हो गुरुवार को गांधीनगर थाना पुलिस, कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की एंटी रैगिंग हैल्पलाइन को इसकी शिकायत की थी।