जयपुर। जयपुर की सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों के सीन अक्सर देखने को मिल जायेंगे, मगर ग्यारह वर्ष के बच्चे ने कमाल कर देखा दिया है। डर असल इस बच्चे के दादा जी ने उसके नाम गांव का पुस्तेनी मकान तीन बीघा खेत के जमीन जिसकी कीमत तीस बीघा बताई जाती इस बालक के नाम करदी है। मां बाप की मौत की मौत के बाद यह मासूम भीख मांग रहा है।
दीनू के बारे में उसके हम उम्र दोस्त सखा का कहना है की दीनू जयपुर में करीब एक साल से रह रहा है। यहां उसका अपना कोई भी नही है। उसका मूल निवास यूपी में अलीगढ़ में है। वह जब आठ साल का था तब एक हादसे में उसके माता पिता ने दम तोड दिया था। इस पर उसके दादा ने उसे पालापोषा था। कुछ माह बाद वे भी चल बसे । मगर मौत के पहले गांव का मकान जो की उसके।हिस्से में था उसे इस पोते के नाम कर दिया। उसके चाचा की इस संपत्ति पर नजर थी। पहले garzan बन कर यह प्रॉपर्टी अपने नाम करने की कोशिश की। मगर इस में वह सफल नहीं हो सका । लोभी और दुष्ट चचा ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। आए दिन उसके साथ मारपीट किया करता था।
उसकी स्कूल भी छुड़वा दी। इक दिन उसपर चोरी का झूठा आरोप लगा कर घर से बाहर निकल दिया। कुछ दिन वह अलीगढ़ में सड़कों पर भटकता रहा। बाद में अपना पेट भरने के लिए वहां के एक गुटपाथी ढाबे पर काम करने लगा। यहां उसे सुबह सूरज उगने से पहले उठा दिया जाता था। दिन भर काम ही काम। रात को दस ग्यारह बजे तक काम करना होता था। तभी गांव के एक कास्तकार ने उसे पहचान लिया और इसकी सूचना उसके चाचा को दी। इस पर उसे वहां से भी भागना पडा। कई शहरों में भटकते करते जयपुर आगया।
यहयहां जेकेलोन हॉस्पिटल के प्रांगण में लावा रिस बच्चों की तरह रहने लगा। वह उसे खाने पीने की कोई समस्या नहीं थी। एक अंजियो ने भोजन कपड़ो की व्यवस्था करदी। बच्चे को अपनी प्रॉपर्टी का ध्यान नहीं था। अंजियों ने इसका पता किया है। उसे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए तैयार किया है। जिसमे उसका नया भविष्य मिलेगा।