अगरतला | त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर को 'दूरदर्शी राजा और आधुनिक त्रिपुरा का वास्तुकार’ करार देते हुए कहा कि महाराजा को उचित सम्मान देने के लिए शहर के बीचोंबीच 'कमन चौमुहानी’ के पास उनकी एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी।साहा ने शुक्रवार रात महाराजा बीर बिक्रम किशोर की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा, ''मैंने पहले ही उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा सहित अपने कैबिनेट सहयोगियों से इस मुद्दे पर बात की है। जिष्णु देव वर्मा शाही परिवार से हैं। सरकार उन्हें उचित सम्मान देने के लिए महाराजा बीर बिक्रम की एक प्रतिमा निश्चित रूप से स्थापित करेगी।’’
महाराजा बीर बिक्रम का केवल 39 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उन्होंने एमबीबी कॉलेज, हवाई अड्डे और बैंक और कोषागार जैसी कई संस्थाओं की स्थापना की थी।महाराजा को एक दूरदर्शी राजा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बीर बिक्रम उच्च शिक्षा के लिए राज्य में एक विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज स्थापित करना चाहते थे। उन्होंने कहा, ''हालांकि, वह अपने सपने को साकार नहीं कर सके क्योंकि अल्पायु में ही उनकी मृत्यु हो गई लेकिन उनके काम अभी भी दृश्यमान और प्रशंसनीय हैं। हमें उनके अच्छे कार्यों को पहचानना चाहिए और शाही परिवार का सम्मान करना चाहिए।’’
साहा ने यह भी घोषणा की कि बटाला के पास शाही परिवार के लिए श्मशान भूमि का भी शीघ्र ही जीर्णोद्धार किया जाएगा जिसे पूर्ववतीã सरकारों के दौरान उपेक्षित किया गया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा बीर बिक्रम के नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के साथ अच्छे संबंध थे। साहा ने कहा कि उन्होंने इटली, जर्मनी और अमेरिका जैसे देशों का दौरा किया और विभिन्न मुद्दों पर इन देशों के शासकों के साथ बैठकें की हैं। उन्होंने कहा, ''महाराजा ने उन अच्छी चीजों को लागू करने की कोशिश की थी जो उन्होंने विदेश यात्राओं के दौरान सीखी थीं और जो चीजें उन्होंने यहां शुरू की थी वे लोगों के कल्याण के काम आ रही हैं।’’