हर बीमारी का उपचार है आयुर्वेद में। आयुर्वेद चिकित्सा पध्दति प्राचीन पध्दतियों में से एक है। आयुर्वेद में अलग-अलग बीमारियों का पता लगाकर उनसे मुक्ति पाई जा सकती है। कई ऐसी बीमारियां है जिन्हें जड़ से खत्म किया जा सकता है। इन्हें घर में रखी खाद्दा पदार्थो के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में इस तरह के कई उपायों का वर्णन मिलता है। जो हमारे बड़े काम की सिध्द होती है।
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अदरक और कालीमिर्च दोनों का उपयोग सेहत लाभो में किया जाता है। सेहत को स्वस्थ रखनें में इनका उपयोग सर्वाधिक किया जाता है।
खांसी की परेशानी-
खांसी की समस्या बेहद तकलीफ देह होती है। यदि समय पर खांसी का उपचार न हो तो यह गंभीर रोग बन जाती है।
खांसी को दूर करनें के कुछ आयुर्वेदिक उपाय-
यदि खांसी सूखी हो तो 1 चम्मच शहद को दिन में 3 बार सितोपलादि चूर्ण के साथ ले। इससे किसी भी तरह की खांसी में जल्द असर होगा।
खांसी से निजात पाने के लिए काली मिर्च को पीसकर उसका चूर्ण बना ले और इसे देशी घी में भूनकर इसे लें।
अदरक और तुलसी के पत्तों के रस को शहद में मिलाकर दिन में 3 बार लेने से खांसी में राहत मिलती है।
गरम शहद में अदरक का रस मिलाकर इसका सेवन करनें से भी इसमें राहत मिलती है।
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बुखार होने पर-
बुखार होने पर नारियल का पानी पीने से शरीर की गर्मी कम होती है साथ ही बुखार कम हो जाता है।
कच्चे सहसुन के टुकड़ो को खाने से भी बुखार में राहत मिलती है।
बुखार में अधिक से अधिक पानी का सेवन करें।
तुलसी के पत्तो को पानी में डालकर पीने से बुखार में राहत मिलती है।
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