Experts : तकनीक में प्रगति मधुमेह के मरीजों में इंसुलिन पर निर्भरता कम करती है

Samachar Jagat | Tuesday, 14 Jun 2022 01:58:27 PM
Experts : Advances in technology reduce insulin dependence in diabetic patients:

कोलकाता  |  मधुमेह एक सामान्य पुरानी बीमारी में है जिसमें लगातार निगरानी की जरुरत होती है। आज मधुमेह की निगरानी में कमी और इलाज में देरी से इससे संबंधित जटिलताएं बढी है। नयी थेरेपी और क्रांतिकारी तकनीकी से एक समय ग्लूकोज के स्तर को ठीक किया जा सकता है। अमेरिकन डाइबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार नियमित ग्लूकोज की निगरानी से इंसुलिन का उपयोग करने वाले लोगों से अन्य लोगों को सहायता करता है। एडीए के अनुसार टाइप एक और टाइप दो मधुमेह वाले लोगों को कम से कम 70 प्रतिशत रीडिग का लक्ष्य टाइम इन रेंज (टीआईआर) रखना चाहिए।

केपीसी मेडिकल कॉलेज कोलकाता, एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रो. डॉ. देबमाल्या सान्याल ने कहा कि अनुसंधान से संकेत मिलते है कि निरंतर ग्लूकोज निगरानी ने टाइप 2 वाले लोगों की मदद की है या तो लंबे समय तक काम करने वाले इंसुलिन थेरेपी या गैर-इंसुलिन ओएडी थेरेपी पर महत्वपूर्ण रूप से उनके एचबीए1सी के स्तर को कम करने में। विशेषज्ञों ने कहा कि मधुमेह में जीवन शैली जैसे आहार, व्यायाम, नींद और सबसे महत्वपूर्ण दवाएं प्रभावित करती हैं। मधुमेह वाले लोगों के लिए उपचार आमतौर पर एक टैबलेट से शुरू होता है। 



 

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