रक्षाबंधन भाइयों और बहनों के बीच अटूट बंधन का उत्सव है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। साथ ही बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने की शपथ लेता है। रक्षा बंधन के दिन शुभ मुहूर्त में राखी बांधने की प्रथा है। जानिए भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए। साथ ही जानिए इस साल कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन?।
भद्रा काल क्या है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्र काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यही कारण है कि भद्रकाल में राखी भी नहीं बांधी जाती है। भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और राजा शनि की बहन हैं। शनि की तरह इसका स्वभाव भी कठोर बताया गया है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कलगन या पंचांग के एक प्रमुख भाग विष्टिकरण में रखा।
पंचांग में कहा गया है कि सावन माह की पूर्णिमा (श्रवण/सावन पूर्णिमा) 11 अगस्त 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी। भद्रकाल 11 अगस्त को सुबह से 8 बजे तक शुरू होता है।
शुभ मुहूर्त और रक्षाबंधन की तिथि
हिंदू धर्म के अनुसार सूर्यास्त के बाद कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस वजह से भद्रकाल या रात में भाइयों को राखी नहीं बांधी जा सकती। रक्षाबंधन का पर्व पूर्णिमा तिथि में ही मनाया जाता है। 11 अगस्त 2022 को 10 बजकर 37 मिनट के बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी जो 12 अगस्त को सुबह 7 बजे के करीब खत्म होगी। कुछ लोगों का मानना है कि 12 अगस्त को राखी बांधना अधिक उपयुक्त और शुभ होता है। अगर आप 12 अगस्त को राखी बांधना चाहते हैं तो सुबह 7.05 बजे से पहले करें।
रक्षाबंधन पर भद्रा काल का समय
रक्षा बंधन भद्रा अन्त समय - रात 08 बजकर 51 मिनट पर
रक्षा बंधन भद्रा पूँछ - शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट पर
रक्षा बंधन भद्रा मुख - शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर 08 बजे तक