माघ मास की शुरुआत 7 जनवरी 2023 से होगी। मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इसे सकट चौथ, लंबोदर चतुर्थी, माघी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ (तिल चतुर्थी) के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि सकट चौथ व्रत के प्रभाव से संतान को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है। वैसे तो साल में सभी चतुर्थी का महत्व सकट चौथ, बहुला चौथ और वक्रतुंड चतुर्थी का विशेष महत्व है।
सकट चौथ व्रत 2023: तिथि
पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 10 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 11 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष विधान है, चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही व्रत को रखा जाता है। ऐसे में सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी 2023 मंगलवार को ही रखा जाएगा।
चंद्रोदय का समय- रात 8 बजकर 50 मिनट (10 जनवरी 2023)
सकट चौथ 2023: महत्व
महिलाएं अपने सुखी जीवन और संतान की लंबी आयु के लिए सकट चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत में भगवान गणेश को तिल का भोग लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार माघ मास की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर अपनी तीक्ष्ण बुद्धि का परिचय दिया था। माना जाता है कि इस दिन गणपति जी की पूजा करने और मंत्रों का जाप करने से बच्चे की बुद्धि, और बल में वृद्धि होती है। गौरीपुत्र गजानन साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं। सकट चौथ का व्रत बिना जल के रखा जाता है।
सकट चौथ पूजा: विधि
रात में चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही सकट चौथ का व्रत पूरा होता है। चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य देने से संतान स्वस्थ रहती है और महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है।