विधानसभा सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल के महत्वपूर्ण कालखंड में उन्हें यह जिम्मेदारी मिलना उनका सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों को स्वाधीनता सेनानियों की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए अमृतकाल में तेज गति से काम करना है। उन्होंने कहा, '' इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों पर आगे बढèेगा- सबका प्रयास और सबका कर्तव्य।
हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है।उन्होंने कारगिल विजय दिवस देश की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का प्रतीक बताते हुए सेनाओं तथा देश के समस्त नागरिकों को अग्रिम शुभकामनाएं भी दी।राष्ट्रपति पद तक पहुंचने की अपनी यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, '' मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गाँव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूँ, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प ढè रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। मैं जनजातीय समाज से हूँ, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है।’’
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत ने वैश्विक संकट का सामना करने में जिस तरह का सामथ्र्य दिखाया है, उसने पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पहले भारत ने कोरोना वैक्सीन की 200 करोड़ डोज़ लगाने का कीर्तिमान बनाया है। इस पूरी लड़ाई में भारत के लोगों ने जिस संयम, साहस और सहयोग का परिचय दिया, वह एक समाज के रूप में हमारी बढती हुई शक्ति और संवेदनशीलता का प्रतीक है।युवाओं और महिलाओं का देश निर्माण में बढè-चढè कर सहयोग करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, '' मैं चाहती हूं कि हमारी सभी बहनें और बेटियां अधिक से अधिक सशक्त हों तथा वे देश के हर क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाती रहें। मैं अपने देश के युवाओं से कहना चाहती हूं कि आप न केवल अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि भविष्य के भारत की नींव भी रख रहे हैं। देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरा हमेशा आपको पूरा सहयोग रहेगा। ’’