किरायेदार का पुलिस सत्यापन: ऑनलाइन कराएं किरायेदार का पुलिस सत्यापन, मकान-जमीन देने से पहले जरूरी है ये काम, ऑनलाइन प्रक्रिया है आसान

Samachar Jagat | Tuesday, 18 Jul 2023 09:49:55 AM
Tenant’s police verification: Get tenant’s police verification done online, this work is necessary before giving the house-land, online process is easy

आजकल हर छोटे-बड़े शहर में किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन कराना जरूरी हो गया है। यह मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हित में है। आमतौर पर वेरिफिकेशन के लिए पुलिस स्टेशन जाना पड़ता है लेकिन अब कई शहरों में पुलिस विभाग यह सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध करा रहा है।

घर हो, जमीन हो या दुकान, कोई भी संपत्ति हो, उसे किराए पर देने से पहले किरायेदार से एग्रीमेंट और वेरिफिकेशन कराना बहुत जरूरी और अनिवार्य है। चूंकि पिछले कुछ वर्षों में संपत्ति पर अवैध कब्जे के मामले तेजी से बढ़े हैं, इसलिए इन कानूनी दस्तावेजों की उपयोगिता भी बढ़ गई है।

अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले किरायेदार के दस्तावेजों का सत्यापन कराना जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि जिन लोगों को आपने अपना घर या दुकान किराए पर देने के लिए चुना है उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। किरायेदार का सत्यापन स्थानीय पुलिस प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।

किरायेदार का पुलिस सत्यापन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। हालाँकि, दोनों ही मामलों में, किरायेदार सत्यापन फॉर्म भरना होगा और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।

सबसे पहले पुलिस विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं और किरायेदार सत्यापन फॉर्म डाउनलोड करें। फॉर्म में किरायेदारों के विवरण के साथ अपनी बुनियादी जानकारी भी दें। इन विवरणों में नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल पता, वर्तमान पता आदि शामिल हैं। कई राज्यों में पुलिस विभाग यह सुविधा देता है।


वेरिफिकेशन फॉर्म भरने के बाद इसे वेबसाइट पर ही ऑनलाइन सबमिट करें। हालाँकि, कुछ पुलिस विभाग प्राधिकरण की साइट ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अनुमति नहीं देती है, इसलिए स्थानीय पुलिस स्टेशन पर जाकर फॉर्म जमा करें।

देश भर के कुछ शहरों में स्थानीय पुलिस विभागों ने किरायेदार सत्यापन और अन्य सेवाओं के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च किए हैं, जिनके माध्यम से फॉर्म आसानी से भरे और जमा किए जा सकते हैं। वहीं, सत्यापन फॉर्म के साथ किरायेदार और मकान मालिक का पहचान प्रमाण पत्र, किराया समझौता और फोटो आदि जमा करना होगा। किरायेदार का सत्यापन कराने से उसका आपराधिक रिकार्ड पता चल जाता है। इससे मकान मालिक को किसी भी तरह की धोखाधड़ी या नुकसान से बचने में मदद मिलती है।

(pc rightsofemployees)



 


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