पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में एक बार फिर गुरुवार से सुनाई देंगे हमले के सायरन, ब्लैकआउट भी जानें पूरा मामला...

Trainee | Wednesday, 28 May 2025 08:08:33 PM
Attack sirens will be heard again from Thursday in the states bordering Pakistan, know the full story of blackout as well

इंटरनेट डेस्क। पाकिस्तान की सीमा से लगे चार राज्यों गुजरात, राजस्थान, पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर में गुरुवार से नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल फिर से शुरू होने जा रही है। पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास भारत द्वारा पड़ोसी देश के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने तथा दोनों देशों के बीच सभी सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी बंद करने के द्विपक्षीय समझौते के कुछ ही सप्ताह बाद किया जाएगा। सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन अभ्यास के तहत देशव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल की घोषणा की थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।

नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का दिये निर्देश  

गृह मंत्रालय ने 244 जिलों को नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया था, जिसमें ब्लैकआउट अभ्यास, हवाई हमले के सायरन, निकासी प्रोटोकॉल और जन जागरूकता सत्र शामिल थे, जिसका उद्देश्य नागरिकों को युद्धकालीन स्थितियों जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार करना था। हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि कल होने वाले उसके मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन तंत्र का परीक्षण करना, नागरिक प्रशासन, रक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय में सुधार करना होगा।

रात 8 बजे से 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट भी...

गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस अभ्यास में नागरिक सुरक्षा वार्डन, पंजीकृत स्वयंसेवकों और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स सहित युवा संगठनों को बड़े पैमाने पर जुटाया जाएगा। अस्पतालों, दमकल केंद्रों और पुलिस स्टेशनों जैसी आवश्यक आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, महत्वपूर्ण क्षेत्रों के पास रात 8 बजे से 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट भी देखा जाएगा।

सब कुछ कैमरों के सामने, ताकि कोई सबूत न मांग सके

पीएम मोदी ने कहा कि अब यह छद्म युद्ध नहीं रहा। 27 मई को गुजरात के गांधीनगर में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौ आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमलों को रिकॉर्ड किया है, ताकि अपनी कार्रवाई का सबूत दे सके। उन्होंने यह भी कहा कि अब यह पाकिस्तान द्वारा किया जा रहा छद्म युद्ध नहीं है, क्योंकि आतंकवादियों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार दिया गया है, जो दर्शाता है कि आतंकवाद देश की सैन्य रणनीति का जानबूझकर किया गया हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह बहादुरों की भूमि है। अब तक जिसे हम छद्म युद्ध कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखने को मिले, उसे अब हम छद्म युद्ध कहने की गलती नहीं कर सकते। इसकी वजह यह है कि जब महज 22 मिनट के भीतर नौ आतंकवादी ठिकानों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर दिया गया, तो यह एक निर्णायक कार्रवाई थी। और इस बार सब कुछ कैमरों के सामने किया गया, ताकि घर पर कोई सबूत न मांग सके। 

PC ; Businessstandered 



 


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