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जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 में प्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने के निर्णय की कड़ी निंदा की है। गहलोत ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से आज अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने एक्स के माध्यम से कहा कि हाईकोर्ट में राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा छात्रसंघ चुनाव न करवाने की बात कहने से अब यह स्पष्ट है कि भाजपा चाहती ही नहीं कि नई पीढ़ी राजनीतिक रूप से जागृत हो एवं नया नेतृत्व तैयार हो। भाजपा की यह सोच बेहद निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।
छात्रसंघ की राजनीति केवल कांग्रेस ही नहीं बल्कि भाजपा एवं अन्य राजनीतिक दलों के भी कई नेता निकल कर आए हैं। क्या उन्हें सार्वजनिक तौर पर अपनी बात नहीं रखनी चाहिए? आखिर नई शिक्षा नीति का बहाना लेकर कब तक इन चुनावों को टालते रहेंगे? आरएसएस का छात्र संगठन एबीवीपी मौन क्यों है? बाकी दलों के छात्र संगठनों को भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखनी चाहिए।
PC: Gehlot
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