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जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष को विदेश के नेताओं से नहीं मिलने देने को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने इस संबंध में एक्स के माध्यम से बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि देश में लगातार विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।
विदेश के नेताओं को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से न मिलने देना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। लोकतंत्र में प्रतिपक्ष की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है, शब्द ' प्रतिपक्ष ' के अपने आप में मायने हैं। पंडित नेहरू जी के जमाने से ही डॉ. मनमोहन सिंह जी के समय तक कोई भी विदेशी नेता आते तो वो दोनों पक्षों से मिलने के लिए स्वतंत्र होते थे।
तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के समय जब 2010 में तब के अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा भारत आए थे तब एलओपी की हैसियत से स्व. सुषमा स्वराज ने उनसे मुलाकात की थी। विपक्ष का होना देश के स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है, दुखद है कि मोदी सरकार इस परम्परा को नहीं मान रही है यह इस लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
PC: livelaw
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