Politics Hardik : आज विधिवत केसरिया बाना पहनेंगे हार्दिक, .खुद को बताया मोदी का सिपाही

Samachar Jagat | Thursday, 02 Jun 2022 11:25:37 AM
Politics Hardik : Today Hardik will duly wear saffron bana, .Told himself Modi's soldier

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पाटीदार आरक्षण आंदोलन के चर्चित नेता रहे हार्दिक पटेल आज विधिवत सत्तारूढ भाजपा में शामिल होंगे।
हार्दिक ने अपने ट्वीट  संदेश में कहा'राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूँ। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूँगा।'

उधर पूर्व में हार्दिक को कर विरोधी मानने वाली भाजपा ने भी हृदय परिवर्तन करते हुए अपने पोस्टर में उन्हें युवा देशप्रेमी नेता बताया हैं। ज्ञातव्य है गुजरात सरकार के निर्देश पर ही पूर्व में उनके विरुद्ध राजद्रोह का मुकदमा चला था। उन्होंने गत 18 मई को कांग्रेस के शीर्ष और प्रदेश नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए दल की प्राथमिक सदयस्ता से इस्तीफा  दे दिया था। भाजपा सूत्रों ने आज बताया कि हार्दिक दोपहर में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय राजधानी गांधीनगर के निकट कोबा स्थित श्रीकमलम में आधिकारिक रूप से दल में शामिल होंगे। आज ही कांग्रेस की महिला नेता श्वेता ब्रह्मभS भी केसरिया बाना धारण करेंगी।

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चा में आए 28 वर्षीय हार्दिक ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में विधिवत कांग्रेस का दामन थामा था और जुलाई 2020 में उन्हें राज्य के मुख्य विपक्षी दल का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफèे में श्री पटेल ने जिस तरह की तल्.ख भाषा का इस्तेमाल किया था और राम मंदिर तथा धारा 370 को कश्मीर से हटाने जैसे मुद्दों की हिमायत की थी उससे उनके जल्द ही सत्तारूढ भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज़ हो गयी थीं। उन्होंने अपने इस्तीफा को अपने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था। उन्होंने .खुद को सबसे बड़ा रामभक्त बताया था और अयोध्या राम मंदिर के लिए स्वयं चंदा देने की बात भी कही थी। हार्दिक ने अपने इस्तीफा  में आरोप लगाया था कि कांग्रेस केवल केवल विरोध की राजनीति करती है। इसने राम मंदिर, धारा 370 हटाने और जीएसटी जैसे ज़रूरी मुद्दों का यूं ही विरोध किया।

इसके पास विकास की वैकल्पिक राजनीति का अभाव है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी परोक्ष प्रहार करते हुए लिखा कि नेतृत्व गुजरात और देश के मुद्दों के प्रति गम्भीर नहीं है। मुलाकèात के दौरान पार्टी के नेता इन मुद्दों की बजाय मोबाइल फोन  देखने में अधिक रुचि लेते हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि गुजरात में पार्टी के बड़े नेता अपने निजी फायदे के लिए बिक गए हैं। वे राज्य की संस्कृति और जनता का अपमान कर शीर्ष नेताओं को चिकन सैंडविच पहुंचाने में अधिक रुचि लेते हैं।

गुजरात में इसी साल विधान सभा चुनाव होने हैं। अटकलें ऐसी भी थीं कि राजनीतिक रूप से महत्वाकांक्षी हार्दिक पहले आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहते थे। राज्य के दबंग पटेल अथवा पाटीदार समुदाय के हिसक आरक्षण आंदोलन के दौरान उन्हें राजद्रोह के दो चर्चित मुकèदमों में लम्बे समय तक जेल में भी रहना पड़ा था। उनके आंदोलन के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल को पद से हटना भी पड़ा था। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इसी आंदोलन के प्रभाव से भाजपा का प्रदर्शन काफी  .खराब रहा और वह किसी तरह सत्ता में वापसी कर सकी थी।

हालांकि बाद में हार्दिक का प्रभाव पटेल समुदाय पर .खासा कमज़ोर हो गया था। कुछ माह पहले जब आम आदमी पार्टी ने राज्य में अपना संगठन विस्तार शुरू किया था तो ऐसी अटकलें तेज़ थीं कि वह इसमें शामिल हो सकते हैं। मज़ेदार बात यह है कि पिछले चुनाव में भाजपा का ज़बरदस्त विरोध करने वाली तिकड़ी में से एक पूर्व कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर पहले ही इस दल में शामिल हो चुके हैं। हार्दिक भी भाजपा में शामिल रहे हैं तो ऐसे में इस तिकड़ी में से एक मात्र नेता वडगाम के कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ही केसरिया दल के विरोधी रह गए हैं। 



 

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